PM Modi Jacket: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दी देर में लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देंगे।दोपहर लगभग 3 बजे से पीएम का संबोधन शुरू होने की संभावना है।इसी बीच संसद पहुंचे प्रधानमंत्री की विशेष नीली जैकेट सभी के आकर्षण का केंद्र बनी है। ध्यान योग्य बात है कि प्रधानमंत्री के द्वारा पहनी गई नीली जैकेट कपड़े से नहीं, बल्कि प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल कर तैयार की गई है।
प्रधानमंत्री को यह खास जैकेट सोमवार को बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक के दौरान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की ओर से भेंट की गई। जैकेट को पीईटी बोतलों को रिसाइकिल कर बनाया गया है।इंडिया एनर्जी वीक का उद्देश्य ऊर्जा संक्रमण महाशक्ति के रूप में भारत की बढ़ती शक्ति को प्रदर्शित करना था।इंडिया ऑयल के कर्मचारियों और सशस्त्र बलों के लिए स्थायी वस्त्र बनाने के लिए आगे भी काम किया जाएगा।इसी क्रम में करीब 10 करोड़ से अधिक पीईटी बोतलों का रिसाइकिल किया जाएगा।
PM Modi Jacket: जानिए कितनी बोतलों से तैयार होती है एक जैकेट?
PM Modi Jacket:इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने पीएम मोदी को जो जैकेट भेंट की है।उसके लिए कपड़ा तमिलनाडु के करूर की कंपनी श्री रेंगा पॉलीमर्स ने बनाया है। कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर सेंथिल शंकर का दावा है कि उन्होंने इंडियन ऑयल को पेट बॉटल से बने नौ रंग के कपड़े दिए थे। जिनमें से पीएम मोदी ने चंदन के रंग वाली जैकेट दी गई। इंडियन ऑयल ने गुजरात में प्रधानमंत्री के टेलर से यह जैकेट तैयार करवाई। उन्होंने कहा कि इस तरह की जैकेट को बनाने में औसतन 15 बॉटल्स का इस्तेमाल होता है। एक पूरी यूनिफॉर्म बनाने में औसतन 28 बॉटल्स का यूज होता है।
जानकारी के अनुसार रिसाइकिल बॉटल से बनी जैकेट की रिटेल मार्केट में कीमत 2,000 रुपये है।प्लास्टिक बॉटल से बने गारमेंट की सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि इसे कलर करने में एक बूंद पानी का भी इस्तेमाल नहीं होता है।सेंथिल ने बताया कि कॉटन को कलर करने में बहुत पानी बर्बाद होता है। लेकिन बॉटल्स से बने गारमेंट में डोप डाइंग का इस्तेमाल होता है।बॉटल्स से पहले फाइबर बनाया जाता है।उसके बाद इसकी मदद से यार्न तैयार किया जाता है। यार्न से फिर फैब्रिक बनता है और फिर सबसे अंत में गारमेंट तैयार किया जाता है।रिसाइकिल बॉटल से बनी जैकेट की रिटेल मार्केट में कीमत 2,000 रुपये है।
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