Environment News: भारत और नेपाल दोनों देशों के बीच गुजरने वाले बाघों की सुरक्षा मजबूत करने पर ध्यान दिया जा रहा है। अवैध शिकार से बचाने के लिए अब प्रशासनिक स्तर के साथ ही दोनों देशों के वन अधिकारी बाघों को सुरक्षित रास्त मुहैया करवाएंगे। दरअसल भारत-नेपाल बॉर्डर पर रोजाना बाघ एक से दूसरे जंगल के बीच आवाजाही करते हैं। ऐसे में अक्सर दुर्घटना या अवैध शिकार में मारे जाते हैं। लेकिन आगे से ऐसा नहीं होगा। अब टाइगर रिजर्व के अधिकारी आपस में जानकारी और डाटा भी साझा करेंगे।
Environment News: जैविक गलियारों की बढ़ेगी सुरक्षा
बीते दिनों गोरखपुर में आयोजित विश्व बाघ दिवस के मौके पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ था। इसमें भारत के अलग-अलग टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के अलावा नेपाल के वन विभाग के अधिकारी भी पहुचे थे। इस दौरान एक अधिकारी ने जैविक गलियारों का मामला उठाया। इस बात पर चर्चा हुई कि भारत और नेपाल के बीच कई ऐसे गलियारे हैं। जिन पर से रोजाना बड़ी तादाद में बाघ आवाजाही करते हैं। लिहाजा गलियारों की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन ये तभी संभव है जब दोनों देशों के बीच वनविभाग के अधिकारी बेहतर समन्वय रखें।
Environment News: इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
- दोनों देश वन अपराधियों की सूची साझा करेंगे
- अगर किसी भी तरफ शिकारी गिरोह की सक्रियता होगी तो अलर्ट जारी किया जाएगा
- नेपाल से आने वाले हाथियों और गैंडों के बारे में रिपोर्ट होगी
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