Bihar के कुछ जिलों में यूरेनियम की उच्च सांद्रता ने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। जिसके चलते दस जिलों के पानी के 100 नमूनों को वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए लखनऊ में केंद्रीय भूजल बोर्ड भेजा गया है। सीजीडब्ल्यूबी के क्षेत्रीय निदेशक ठाकुर ब्रह्मानंद सिंह ने कहा कि पीने के पानी में यूरेनियम की मौजूदगी जन स्वास्थ्य के लिए बड़ी चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि पानी के नमूनों को आइसोटोपिक यूरेनियम विश्लेषण के लिए इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज़्मा मास स्पेक्ट्रोमेट्री (आईसीपी-एमएस)विधि के माध्यम से भेजा गया है, जोकि आइसोटोपिक अनुपातों को उचित शुद्धता पर मापता है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी । बता दें कि नालंदा, नवादा, कटिहार, मधेपुरा, वैशाली, सुपौल, औरंगाबाद, गया, सारण और जहानाबाद जिले में हाल ही में भूजल के सैंपल लिए गए हैं।
Bihar: बढ़ सकती है कैंसर एवं किडनी के रोगों की समस्याएं
सीजीडब्ल्यूबी के क्षेत्रीय निदेशक ठाकुर ब्रह्मानंद सिंह ने कहा कि सीजीडब्ल्यूबी, बिहार सरकार का सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण संयुक्त रूप से राज्य में भूजल में यूरेनियम की मात्रा निर्धारित करने और स्थिति से निपटने के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
वहीं भारी धातु के हानिकारक प्रभाव के बारे में बताते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने समाचार एजेंसी को बताया कि भूजल में यूरेनियम को होना गंभीर चिंता का विषय है। ये स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। इससे गुर्दो में खराबी के साथ कैंसर का भी खतरा है।
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