सुप्रीम कोर्ट ने अंतर्राष्ट्रीय कार निर्माता कंपनी स्कोडा फॉक्सवैगन द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में वाहनों में उत्सर्जन स्तर छिपाने के लिए धोखाधड़ी वाले उपकरण को लेकर दर्ज एक प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी।
ग्राहक ने कंपनी की डीजल कार में उत्सर्जन स्तर छिपाने के लिये धोखाधड़ी वाले उपकरण के उपयोग के आरोप में यह प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायाधीश एस एस बोपन्ना और न्यायाधीश वी रामासुब्रमणियम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कई कानूनी प्रक्रियाएं हैं जिसके जरिये वाहन कंपनी स्वयं के लिये राहत प्राप्त कर सकती है।
स्कोडा की तरफ से पेश वरिठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत से कहा कि फॉक्सवैगन के खिलाफ दिसंबर 2015 में एक शिकायत राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में दर्ज करायी गयी थी। मार्च 2019 में जुर्माना लगाया गया जिस पर न्यायालय ने रोक लगा दी थी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि वाहन धोखाधड़ी वाले उपकरण का उपयोग हुआ हो या नहीं, यह जांच का विषय है।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने केंद्र को धोखाधड़ी वाले उपकरण के उपयोग के जरिये पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के एवज में 500 करोड़ रुपये का जुर्माना एनजीटी को नहीं देने को लेकर कंपनी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने से मना किया था।