1992 में फिल्म ‘बेखुदी’ से बॉलीवुड में कदम रखने वाली काजोल ने ‘बाजीगर’ और ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ जैसी हिट फिल्मों के जरिए दर्शकों के दिलों में अपनी खास पहचान बनाई। काजोल का फिल्मी करियर दशकों में फैला हुआ है और उन्होंने हर तरह के किरदारों को बखूबी निभाया है। एक ताज़ा इंटरव्यू में काजोल ने न सिर्फ अपने करियर पर खुलकर बात की, बल्कि अपने निजी फैसलों पर भी रोशनी डाली। बता दें कि काजोल जानी-मानी एक्ट्रेस तनुजा और निर्माता शोमू मुखर्जी की बेटी हैं। इंडस्ट्री में आने से पहले ही उन्होंने अपने पिता का सरनेम न लगाने का फैसला किया था, जिसकी वजह उन्होंने हाल ही में साझा की।
‘गदर’ को लेकर क्या बोलीं काजोल?
2001 में रिलीज हुई फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ को आज भी एक आइकॉनिक फिल्म के रूप में याद किया जाता है। सनी देओल और अमीषा पटेल की जोड़ी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया। लंबे समय से ऐसी चर्चाएं होती रही हैं कि अमीषा पटेल से पहले इस फिल्म में सकीना का रोल काजोल को ऑफर हुआ था। अब करीब 24 साल बाद काजोल ने इस पर चुप्पी तोड़ी है। एक इंटरव्यू में काजोल ने बताया कि ये दावा पूरी तरह से गलत है और उन्हें कभी ‘गदर’ ऑफर ही नहीं की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें कई फिल्में ऑफर हुई थीं, जिनके बारे में बात करना अब जरूरी नहीं लगता।
पिता का सरनेम न अपनाने के पीछे की सोच
काजोल ने बताया कि वो बचपन में अपनी मां को लगातार काम करते हुए देखती थीं और इसलिए वो खुद एक्टिंग में करियर नहीं बनाना चाहती थीं। वो एक शांत और साधारण जीवन जीने की ख्वाहिश रखती थीं, जिसमें 9 से 5 की नौकरी हो। लेकिन किस्मत उन्हें उसी रास्ते पर ले आई, जहां एक्टिंग उनका पेशा बन गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने पिता शोमू मुखर्जी का सरनेम जानबूझकर इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि उनके करियर पर पारिवारिक विरासत का दबाव या अपेक्षा हावी हो। हालांकि, उनकी मां तनुजा चाहती थीं कि वह अपने पिता के नाम के साथ इंडस्ट्री में कदम रखें, मगर काजोल ने अपने फैसले पर डटी रहीं।