Pathaan Review: फिल्म- पठान
निर्देशक: Siddharth Anand
निर्माता: आदित्य चोपड़ा
लेखक: सिद्धार्थ आनन्द, सुरेश नायर
संगीत निर्देशक: विशाल डडलानी, शेखर रावजियानी
छायांकन: Satchith Paulose, बेंजामिन जैस्पर
मुख्य कलाकार: शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, जॉन अब्राहम, डिंपल कपाड़िया, आशुतोष राणा, सलमान खान
श्रेणी: Hindi, Action, Drama
टाइम: 2 Hrs 26 Min
भाषा: हिन्दी, तेलुगू, तमिल
फिल्म ‘पठान’ में स्केल हो, डायरेक्शन हो, स्टार कास्ट हो या गाना, इस फिल्म में सबकुछ बहुत ही शानदार है। फिल्म ‘पठान’ की घोषणा के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम की दमदार एक्टिंग के साथ सिद्धार्थ आनन्द के निर्देशक में बनी पठान आखिरकार स्क्रीन पर आ ही गई है।
फिल्म ‘Pathaan’ की कहानी
फिल्म ‘पठान’ की कहानी साल 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे पर है। इस फैसले से पाकिस्तान बौखला जाता है। पाकिस्तान इस फैसले से भारत को सबक सिखाने के लिए जिम (जॉन अब्राहम) की सेवाएं लेता है। जिम का मकसद सिर्फ पैसे या पावर हासिल करना नहीं बल्कि निजी जिंदगी से जुड़ी होती है। सरगना जिम एक समय में जाबांज भारतीय जासूस हुआ करता था लेकिन एक मिशन में उसकी गर्भवती पत्नी को उसकी आंखों के सामने क्रूरता से मार दिया जाता है और यहीं से जिम के अंदर देश के लिए नफरत और बदले की भावना पैदा होती है। वह देश के दुश्मनों के साथ मिलकर अपने ही देश को तहस-नहस करने की प्लानिंग शुरू कर देता है। उसके नापाक मंसूबों को अगर कोई रोक सकता है तो वह है भारतीय एजेंट पठान (शाहरुख खान)। जिम तक पहुंचने में पठान की मुलाकात आइएसआइ एजेंट डा. रूबीना मोहसिन (दीपिका पादुकोण) से होती है।
दरअसल, यहां पर असली मकसद रक्तबीज को हासिल करना होता है। रक्तबीज एक जैविक हथियार है। जिम इसे भारत में फैलाना चाहता है। उसके नापाक इरादे को पठान कैसे असफल करेगा? उसके लिए कई टि्वस्ट और टर्न के साथ कहानी लिखी गई है। सिद्धार्थ आनंद ने निर्देशन के साथ पठान की कहानी भरपूर एक्शन से बनाई गई है। हेलीकॉप्टर, बंदूक, तोप, हैंड टू हैंड फाइट, बर्फ पर बाइक के चेंजिंग के दृश्यों के जरिए रोमांचक एक्शन को दिखाया गया है। फिल्म को मसालेदार बनाने के लिए उन्होंने एक्शन के साथ रोमांस का तड़का भी डाला है।
इस खुफिया मिशन का सामना करने के लिए इंडियन इंटेलिजेंस फोर्स की मुखिया नंदिनी (डिंपल कपाड़िया) और फोर्स के हेड कर्नल लूथरा (आशुतोष राणा) अपने सबसे काबिल एजेंट पठान और उसकी टीम को नियुक्त करते हैं। जिम को पकड़कर उसके इरादों का पता लगाने के इस मिशन पर पठान की मुलाकात आईएसआई की एजेंट रुबाई (दीपिका पादुकोण) से होती है। जिम का लक्ष्य अगर विंध्वस का है, तो पठान का एक ही मकसद है अपने देश को बचाना मगर रुबाई इन दोनों नायक और खलनायक के बीच एक ऐसा सूत्र साबित होती हैं, जो विश्वास और विश्वासघात की पतली सी थिन लाइन के बीच खड़ी है।
भारत और पाकिस्तान के दो एजेंटों की लव स्टोरी ‘टाइगर’ सीरीज की फिल्मों में दिखाई जा चुकी है। यहां पठान और रुबाई का भी लव एंगल बनता है। रुबाई पठान का साथ देगी या उसके साथ धोखा करेगी? क्या जिम अपने कारनामों में कामयाब हो पाएगा? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
‘Pathaan’ का रिव्यू
इसमें कोई दो राय नहीं है कि फिल्म ‘पठान’ एक्शन की नई ऊंचाइयों को छु रहा है। फिल्म की कहानी तो कुछ खास नहीं है, लेकिन जहां देशभक्त एजेंट अपने वतन को बचाने के लिए कटिबद्ध है, वहीं एक्शन और स्पेशल इफेक्ट्स के मामले में सिद्धार्थ ने भी कोई कमी नहीं छोड़ी है। सिदार्थ की यह फिल्म फर्स्ट हाफ थोड़ा लंबा लगता है, मगर ओवर ऑल टर्न-ट्विस्ट, एक्सॉटिक लोकेशन, हीरो-विलेन के बीच शह और मात, कॉमिडी का तड़का जैसी चीज फिल्म के प्लस पॉइंट साबित होते हैं। एक्शन दृश्यों में बाइक चेजिंग, हेलिकॉप्टर की फाइट और पहाड़ी पर उड़ते ट्रेन के सीक्वेंस हैरतअंगेज बन पड़े हैं। फिल्म का मजबूत पक्ष इसका स्टाइलिस्ट वीएफएक्स, सिनेमैटोग्राफी, एक्शन सीक्वेंस और गाना है। ‘बेशरम रंग’ और ‘झूमे जो पठान’ जैसे गाने पहले ही ब्लॉकबस्टर साबित हो चुके हैं। मेकर्स ने किरदारों के लुक और कॉस्ट्यूम पर खासी मेहनत और खर्च की है।
‘पठान’ में किंग खान का 4 साल बाद पर्दे पर वापसी कर अपने फैंस को खुश कर दिया। फिर चाहे वो एसआरके का लुक हो, आंखो या बॉडी लैंग्वेज के जरिए की गई उनकी अदाकारी हो हर लुक में वो फिट बैठ रहे हैं। रोमांटिक गानों में उनका स्वैग और ‘एक सोल्जर देश से ये नहीं पूछता कि देश ने उसके लिए क्या किया, वो पूछता है, वो देश के लिए क्या कर सकता है’ जैसे डायलॉग दर्शकों को सीटी मारने और तालियां पीटने पर मजबूर कर देते हैं।
फिल्म का सरप्राइएज एलिमेंट हैं जिम के रूप में जॉन अब्राहम के किरदार की माउंटिंग। वहीं, जॉन ने भी अपने किरदार में जान लगा दी है। ‘टाइगर’ यानी सलमान खान की एंट्री फिल्म को एक अलग लेवल पर ले जाती है।
दीपिका पादुकोण की मौजूदगी पर्दे पर आग लगा देती है। उन्होंने रुबाई जैसी स्पाइ गर्ल की विभिन्न परतों को खूबी से जिया है। डिंपल कपाड़िया और आशुतोष राणा ने अपनी भूमिकाओं में जान डाले हैं। बाकी ओवर ओल मूवी पैसा वसूल है।
निर्देशन पक्ष
अगर इस फिल्म की निर्देशन की बात की जाए तो सिद्धार्थ आनंद ने सुनिश्चित किया है कि पठान हर लिहाज से बड़ा और भव्य हो। जिस तरह से उन्होंने पठान को लेकर कुछ अलग सोचा था वैसा ही उन्होंने हू-ब-हू पर्दे पर दिखाया है जो कि काबिले तारीफ है। फिल्म देखने के बाद मैं आपको बस इतना कह सकती हूं कि पठान इतने सारे एक्शन से भरा है कि आप सीटी मारे बिना नहीं रह पाएंगे।
एक्टिंग पक्ष
शाहरुख खान
आपको बता दें कि शाहरुख खान ने पहली बार इस तरह के एक्शन फिल्म में काम किया है। यहां पर बॉडी बनाने के साथ उन्होंने अपने बाल भी बढ़ाए हैं। शाहरुख को इस फिल्म में भरपूर एक्शन करने का मौका मिला है। एक्शन और स्टंट करते हुए वह काफी अच्छे लगते हैं। शाहरुख खान की एक्टिंग दमदार है। पठान के पास कहने को टीम है, लेकिन उनकी उपयोगिता कहानी में कहीं खास नहीं दिखती है।
दीपिका पादुकोण
दीपिका पादुकोण फिल्म में काफी ग्लैमरस दिखी हैं। खास बात तो यह है कि बेशरम रंग गाने में केसरिया रंग की बिकिनी को लेकर जिस तरह से विवाद हुआ था ऐसा लग रहा था कि फिल्म से इस सीन को हटा दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दीपिका को भी इस फिल्म में भरपूर एक्शन करने का मौका मिला है। बता दें कि शाहरुख के साथ इससे पहले दीपिका फिल्म ओम शांति ओम, चेन्नई एक्सप्रेस और हैप्पी न्यू ईयर में काम कर चुकी हैं।
डिंपल कपाड़िया और आशुतोष राणा
डिंपल कपाड़िया और आशुतोष राणा अपनी भूमिका के साथ न्याय करते हैं। फिल्म के आखिर में एक और जासूस को जोड़ने का संकेत मिला है। हालांकि, टाइगर 3 में आने का वादा टाइगर ने पठान से ले लिया है। यानी एक बार फिर शाहरुख और सलमान एक साथ स्क्रीन शेयर करते नजर आएंगे। लेकिन इस बार टाइगर की मदद के लिए पठान आएगा।
सलमान खान ने मचाया धमाल
फिल्म का खास टाइगर यानी सलमान खान रहे। उन्हें कई पंचिंग लाइनें मिली हैं। फिल्म में विजुअल इफेक्ट्स (वीएफएक्स) भी काफी सोच-समझकार इस्तेमाल किया गया है। सचित पालोस की सिनेमौटोग्राफी बेहद खूबसूरत है।
फिल्म में क्या कमी है?
फिल्म में कमजोर कड़ी कहीं न कहीं कहानी में है क्योंकि फिल्म के शुरूआत में भारतीय वैज्ञानिक का जिम सरेआम दूसरे देश में अपहरण कर लेता है। उसकी रिहाई की ओर किसी का ध्यान ही नहीं है। श्रीधर राघव के स्क्रीन प्ले में जब जैविक हमले का जिक्र आता है तो यह हमले कितने खतरनाक हो सकते हैं, उसके बारे में बताया गया है, लेकिन फिल्म देखने के बाद कह सकते हैं कि इस दृश्य को मेकर्स ने प्रभावशाली तरीके से दिखाने में कहीं न कहीं चूक हुई है। हालांकि, फिल्म के आखिरी तक पहुंचने में लेखक ने जिस हिसाब से समय लिया है वो काबिले तारीफ नहीं है। कहीं न कहीं स्क्रप्टि और बेहतर हो सकती थी।
फिल्म में पूरा फोकस पठान यानी शाहरुख खान पर ही रहा है। इस वजह से बाकी किरदारों को हर तरह से उबरने का का मौका नहीं मिला है। यहां पर भी खलनायक और पठान के बीच अपना दमखम दिखाने को लेकर आमने-सामने सीन गढ़े गए हैं। हालांकि, इन्हें बेहतर और रोचक बनाने की भरपूर कोशिश की गई थी।
क्यों देखें फिल्म?
फिल्म देखना और न देखना आपकी अपनी इच्छा है। लेकिन आप इंटरटेनिंग और एक्शन फिल्म देखने के शौकिन हैं तो आपको ये फिल्म पठान जरूर देखनी चाहिए, क्योंकि सिद्धार्थ आनन्द ने 2 घंटे 36 मिनट तक भरपूर इंटरटेनमेंट पैकेज के साथ लोगों के इंटरटेंमेंट का ध्यान रखा है। आखिर में बस इतना ही बताना चाहूंगी कि फिल्म देखने के बाद आपको अंदर से महसूस होगा कि पूरा पैसा वसूल हो गया है।
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