14 फरवरी की सुबह, सुप्रीम कोर्ट में रोजाना की तरह सुनवाई शुरू हुई। सुबह 10:30 बजे चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने केसों पर सुनवाई करनी शुरू की। इसी दौरान, विवादित इंडियाज गॉट लेटेंट केस में यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया की ओर से एक वकील वर्चुअली पेश हुए। इस वकील की एंट्री ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया, क्योंकि ये पिछले 8 साल 6 महीने से सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। यह वकील कोई और नहीं बल्कि अभिनव चंद्रचूड़ हैं, जो बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं और पूर्व CJI डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के बेटे हैं।
रणवीर इलाहाबादिया का केस कौन लड़ रहा है?
पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद ही अभिनव चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में केसों की पैरवी शुरू की। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2014 को रिटायर हुए थे, और सूत्रों के मुताबिक, उनके रिटायर होते ही 11 नवंबर से अभिनव ने सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने शुरू कर दिए। हालांकि, इस पर पहले किसी का ध्यान नहीं गया, लेकिन रणवीर इलाहाबादिया जैसे हाई प्रोफाइल मामले में उनकी एंट्री सुप्रीम कोर्ट में चर्चा का विषय बन गई।
हालांकि, अभिनव चंद्रचूड़ फिजिकली कोर्ट में पेश नहीं हुए, बल्कि उन्होंने वर्चुअल माध्यम से CJI कोर्ट से जुड़कर याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की। CJI संजीव खन्ना ने इस मामले में अभी सुनवाई की कोई तारीख तय नहीं की, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि जल्द इस केस पर सुनवाई होगी।
क्यों नहीं आए अभिनव चंद्रचूड़ अपने पिता की कोर्ट में?
गौरतलब है कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को मई 2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। इसके बाद वह नवंबर 2022 में CJI बने और दो साल तक इस पद पर रहे। इस पूरे 8 साल 6 महीने में अभिनव चंद्रचूड़ कभी भी सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हुए।
अपने विदाई भाषण में जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने बेटों अभिनव और चिंतन चंद्रचूड़ के बारे में बताया था। उन्होंने एक बार अपने बेटों को सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने का सुझाव दिया था, ताकि वे उनसे ज्यादा मिल सकें। लेकिन दोनों ने इससे इनकार कर दिया।
पिता के नक्शेकदम पर चले अभिनव और चिंतन चंद्रचूड़
अगर कहा जाए कि अभिनव और चिंतन चंद्रचूड़ अपने पिता के पदचिह्नों पर चले, तो यह गलत नहीं होगा। पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बार बताया था कि उनके पिता, जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के कार्यकाल के दौरान 1982 से 1985 तक उन्होंने देश की किसी भी अदालत में कोई केस नहीं लड़ा। इसी कारण वह हार्वर्ड में पढ़ाई करने चले गए थे।
अब जब उनके पिता CJI पद से रिटायर हो चुके हैं, तो अभिनव चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ना शुरू कर दिया है। उनकी रणवीर इलाहाबादिया केस में एंट्री ने पूरे कानूनी जगत में हलचल मचा दी है, और अब सभी की नजरें इस केस पर टिकी हैं।