आज सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर 89 बरस की हो गईं। बॉलीवुड समेत पूरी दुनिया ने उनको जन्मदिन की मुबारकबाद दी। पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उन्हें ट्वीट कर जन्मदिन की बधाई दी।

भारतीय सिनेमा जगत में पिछले छह दशक से लता मंगेशकर ने अपनी मधुर आवाज से श्रोताओं को दीवाना बनाया है लेकिन उनके बारे में कुछ ऐसे रोचक तथ्य हैं जिन्हें आज की पीढ़ी नही जानती है।

मध्यप्रदेश में इंदौर शहर के एक मध्यम वर्गीय मराठी परिवार में 28 सिंतबर 1929 को जन्मी लता मंगेशकर ने वर्ष 1942 में ‘किटी हसाल’ के लिये अपना पहला गाना गाया लेकिन उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर को लता का फिल्मों के लिये गाना पसंद नहीं आया और उन्होंने उस फिल्म से लता के गाये गीत को हटवा दिया था। हालांकि इसी वर्ष लता को ‘पहली मंगलगौर’ में अभिनय करने का मौका मिला । लतो की पहली कमाई 25 रूपये थी जो उन्हें एक कार्यक्रम में स्टेज पर गाने के दौरान मिली थी।

बहुत कम लोगो को पता होगा कि लता मंगेशकर का असली नाम हेमा हरिदकर है। बचपन के दिनों से उन्हें रेडियो सुनने का बड़ा ही शौक था। जब वह 18 वर्ष की थी तब उन्होंने अपना पहला रेडियो खरीदा था और जैसे ही उन्होंने रेडियो ऑन किया तो के.एल.सहगल की मृत्यु का समाचार उन्हें प्राप्त हुआ। बाद में उन्होंने वह रेडियो दुकानदार को वापस लौटा दिया। लता मंगेशकर को अपने बचपन के दिनों में साईकिल चलाने का काफी शौक था जो पूरा नहीं हो सका अलबत्ता उन्होंने अपनी पहली कार 8000 रूपये में खरीदी थी। लता मंगेशकर मसालेदार भोजन करने का शौक रखती हैं और एक दिन में वह तकरीबन 12 मिर्चे खा जाती हैं। उनका मानना है कि मिर्चे खाने से गले की मिठास बढ़ जाती है। लता मंगेशकर को किक्रेट देखने का भी काफी शौक रहा है। लार्डस में उनकी एक सीट सदा आरक्षित रहती है।

अपने करियर के शुरुआत में लता मंगेश्कर को अपने पार्श्वगायकों के साथ एक ही माइक्रोफोन से गाने का अवसर मिलता था। जब वह पार्श्वगायक हेमंत कुमार के साथ गाने गाती थीं तो इसके लिये उन्हें ‘स्टूल’ का सहारा लेना पड़ता था। इसकी वजह यह थी कि हेमंत कुमार उनसे काफी लंबे थे। वर्ष 1962 में एक बार लता मंगेशकर काफी बीमार पड़ गयी थी और कहा जाने लगा कि वह अब कभी गा नही सकती हैं। कहा जाता है उनके बावर्ची ने उनके खाने में धीमा जहर मिला दिया था। बाद में उन्होंने उस बावर्ची को बिना पगार दिये नौकरी से हटा दिया ।

लता मंगेश्कर फिल्म इंडस्ट्री में मृदु स्वाभाव के कारण जानी जाती हैं लेकिन दिलचस्प बात है कि किशोर कुमार और मोहम्मद रफी जैसे पार्श्वगायको के साथ भी उनकी अनबन हो गयी थी। किशोर कुमार के साथ लता मंगेश्कर की अनबन का वाकया काफी दिलचस्प है। लता मंगेशकर ने इस घटना का जिक्र कुछ इस प्रकार किया है ..बांबे टॉकीज की फिल्म ..जिद्दी ..के गाने की रिर्काडिंग करने जाने के लिये जब वह एक लोकल ट्रेन से सफर कर रही थी तो उन्होंने पाया कि एक शख्स भी उसी ट्रेन में सफर कर रहा है। स्टूडियों जाने के लिये जब उन्होने तांगा लिया तो देखा कि वह शख्स भी तांगा लेकर उसी ओर आ रहा है। जब वह बांबे टॉकीज पहुंची तो उन्होने देखा कि वह शख्स भी बांबे टॉकीज पहुंचा हुआ है। बाद में उन्हें पता चला कि वह शख्स किशोर कुमार हैं।

लता मंगेश्कर ने पार्श्वगायक मोहम्मदी रफी के साथ सैकड़ो गीत गाये थे लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्होंने रफी से बातचीत तक करनी बंद कर दी थी। लता मंगेश्कर गानों पर रायल्टी की पक्षधर थीं जबकि मोहममद रफी ने कभी भी रायल्टी की मांग नहीं की। दोनों का विवाद इतना बढ़ा कि मोहम्मद रफी और लता मंगेश्कर के बीच बातचीत भी बंद हो गई और दोनो ने एक साथ गीत गाने से इंकार कर दिया। हालांकि चार वर्ष के बाद अभिनेत्री नरगिस के प्रयास से दोनों ने एक साथ एक कार्यक्रम में .दिल पुकारे…  गीत गाया।

बहुत कम लोगो को पता होगा कि लता मंगेशकर महज एक दिन के लिये स्कूल गयी थीं। इसकी वजह यह रही कि जब वह पहले दिन अपनी छोटी बहन आशा भोंसले को स्कूल लेकर गयी तो अध्यापक ने आशा भोंसले को यह कहकर स्कूल से निकाल दिया कि उन्हें भी स्कूल की फीस देनी होगी। बाद में लता मंगेशकर ने निश्चय किया कि वह कभी स्कूल नहीं जायेगी । इसके बाद उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर में ही रहकर अपने नौकर से प्राप्त की। हालांकि बाद में उन्हें न्यूयार्क  यूनिवर्सिटी सहित छह विश्वविधालयों से मानक उपाधि से नवाजा गया ।

लता मंगेश्कर को अपने घर में केवल के.एल.सहगल के गीत गाने की अनुमति मिला करती थी। उनकी यह ख्वाहिश थी कि वह सहगल से मुलाकात करे और अभिनेता दिलीप कुमार के लिये गाना गाये लेकिन उनके ये दोनो शौक पूरे नही हो सके। यूं तो लता मंगेश्कर ने अपने सिने करियर में कई नामचीन अभिनेत्रियों के लिये पार्श्वगायन किया है लेकिन अभिनेत्री मधुबाला जब फिल्म साईन करती थी तो अपने कांट्रेक्ट में इस बात का उल्लेख करना नही भूलती थी कि उनके गाने लता मंगेश्कर को गाने का अवसर दिया जाये।