Gopaldas Neeraj: बॉलीवुड को कई सदाबहार गाने देने वाले गोपालदास नीरज को परिचय की जरूरत नहीं है। कवि, शायर और गीतकार गोपालदास नीरज ने कई ऐसे गीत लिखे जो आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं। आज हम उनकी जंयती के अवसर आप उनके ऐसे गानों के बारे में बताने जा रहे हैं जो सदाबहार है। दरअसल, नीरज का पूरा नाम गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’ था।
उनका जन्म 4 जनवरी 1925 में यूपी के इटावा में हुआ था। नीरज जिंदगी, प्रेम, विरह की सच्चाईयों पर लिखने के लिए मशहूर हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा के लिए कई हिट गाने लिखे जिन्हें आज भी लोग गुनगुनाते हैं। हालांकि, इतने मशहूर गाने देने वाले नीरज का मन मायानगरी से जल्द ही उचट गया और वह मुंबई को छोड़कर अलीगढ़ चले गए। आइए आज हम आपको बताते हैं कि उनके ऐसे कौन से गीत है जो हमेशा से लोगों के फेवरेट है।
ऐ भाई जरा देख के चलो…
1971 में आई फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ जिसमें राजकपूर मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म के गाने किसे नहीं याद होंगे। गोपालदास नीरज का लिखा गाना ‘ऐ भाई जरा देख के चलो’, को मन्ना डे ने अपनी आवाज में गाया था। इसे गोपालदास ने लिखा था गाने के बोल इतने अच्छे हैं कि आज भी वह मशहूर है।
‘आज मदहोश हुआ जाये रे मेरा मन…मेरा मन’
1971 में फिल्म आई ‘शर्मीली’। इसका एक गाना ‘आज मदहोश हुआ जाये रे मेरा मन…मेरा मन’ बहुत लोकप्रिय हुआ था ये अपने जमाने में तो फेमस था ही साथ ही आज भी युवाओं से लेकर बुर्जुगों तक ये गाना काफी फेमस है। नीरज के लिखे इस गीत को एसडी बर्मन ने म्यूजिक दिया था। ये गाना शशि कपूर और राखी पर फिल्माया गया था। जिसे किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने अपनी सुरीली आवाज में गाया था।
‘खिलते हैं गुल यहां…मिलके बिखरने’
फिल्म शर्मीली का एक और गाना आज भी लोग बड़े मन से सुनते हैं। नीरज द्वारा लिखे इस गाने के बोल थे ‘खिलते हैं गुल यहां…मिलके बिखरने’ को। इस गाने को किशोर कुमार ने अपनी रूहानी आवाज में गाया है। गाने को म्यूजिक एसडी बर्मन ने तैयार किया था।
‘काल का पहिया घूमे भैया’
1969 में सिनेमाघरों में आई फिल्म चंदा और बिजली जो संजीव कुमार पर फिल्माया गया था। इस फिल्म का गीत ‘काल का पहिया घूमे भैया’ काफी लोकप्रिय सॉन्ग था जिसे आज भी लोग बड़े चाव से सुनते हैं।
‘दिल आज शायर है गम आज नगमा है’
1971 में मूवी आई गैंबलर जो काफी हिट हुई। इस फिल्म के गाने लोगों को खूब पसंद आए। किशोर कुमार की आवाज में गाया गया गाना दिल ‘आज शायर है गम आज नगमा है’ नीरज द्वारा लिखा गया था। इसका म्यूजिक एसडी बर्मन ने तैयार किया था। ये गाना सदाबहार है जो देवानंद पर फिल्माया गया था।
‘लिखे जो खत तुझे’
साल 1968 में बड़े पर्दे पर फिल्म आई कन्यादान। जिसका गाना ‘लिखे जो खत तुझे’ हिंदी फिल्मों के क्लासिक गानों में शुमार है। ये रोमांटिक गीत शशि कपूर पर फिल्माया गया था। शंकर जयकिशन के म्यूजिक पर इसे मोहम्मद रफी ने गाया था।
‘कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे’
1965 में फिल्म आई नई उमर नई फसल आई थी।
इस फिल्म का एक गाना ‘कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे’ नीरज के बेस्ट गीतों में ये शुमार है। गोपालदास नीरज के लिखे इस गीत को मोहम्मद रफी ने गाया था।
‘रंगीला रे तेरे रंग में’
1970 में फिल्म आई प्रेम पुजारी का गाना ‘रंगीला रे तेरे रंग में’ हिंदी फिल्मों के सदाबहार गाने की लिस्ट में शुमार है। इस गाने को लता मंगेशकर ने अपनी सुरीली आवाज दी है। जिसे वहीदा रहमान पर फिल्माया गया है।
‘फूलों के कलम से, दिल की कलम से’
1970 में फिल्म आई प्रेम पुजारी में नीरज ने एक और गाना लिखा था, जिसके बोल थे ‘फूलों के कलम से, दिल की कलम से’। यह गाना काफी लोकप्रिय रहा। इस गाने को अपनी आवाज किशोर कुमार ने दी थी।
‘शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब’
फिल्म प्रेम पुजारी में नीरज ने अपने द्वारा कई शानदार गाने लिखे। इनमें से ही एक रोमांटिक गाना है ‘शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब’। इस गीत को किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गाया था। जिसे एसडी बर्मन ने तैयार किया था।
यह भी पढ़ें:
पेंशन की दरख्वास्त लिए कलकत्ता आए थे गालिब, जानें कैसे इस शहर ने उनका दिल चुरा लिया?