भारतीय सिनेमा के जगत के पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले कुंदन लाल सहगल अपने खास अंदाज में गाना गाने के लिए काफी प्रसिद्ध थे, उनकी आवाज लोगों को काफी पसंद थी और अपने कार्यकाल में उन्होंने कई बुलंदियों को छुआ। सहगल साहब के बारे में मशहूर था कि वो शराब पीकर गानों की रिकॉर्डिंग करते थे। आज के एल सहगल 114वीं जयंती है। इस खास मौके पर गूगल ने के एल सहगल को डूडल बनाकर श्रदांजलि अर्पित की है।
इस डूडल की बात की जाए तो इसका बैकग्राउंड आपको सहगल के जामने की याद दिलाएगा। सहगल डूडल में माइक के सामने गीत गाते हुए दिख रहे हैं। सहगल के चित्र को डूडल पर उतार कर उनकी गायकी को याद किया गया है। अपने करियर में सहगल ने 36 फिल्मों में अभिनय किया और 200 से ज्यादा गाने गाए। महज 43 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन इस छोटे से दौर में उन्होंने शोहरत की बुलंदियां हासिल कर ली थीं।
सहगल ने कई ऐसे गाने भी गाए हैं जो आज भी युवाओं के दिलों की धड़कन बने हुए हैं। सहगल के ये गाने – जब दिल ही टूट गया, एक बंग्ला बने न्यारा, हम अपना उन्हें बना ना सके, दो नैना मतवाले तिहारे, मैं क्या जानू क्या जादू है, किताबें तकदीर आदि को आज भी खूब पसंद किया जाता है।
1935 से 1947 तक फिल्म इंडस्ट्री में अपनी धाक जमाए बैठे केएल सहगल ने 36 फिल्मों में काम किया, जिनमें बंगाली, हिंदी और तमिल फिल्में शामिल हैं। 15 साल के फिल्मी सफर में उन्होंने ‘जिंदगी‘, ‘भक्त सूरदास‘, ‘चांदीदास‘, ‘तानसेन‘ और ‘प्रेसीडेंट‘ जैसी कई हिट फिल्में की।
11 अप्रैल 1904 में जम्मू में जन्में के एल सहगल की मृत्यु 18 जनवरी 1947 को लीवर की बीमारी के कारण हुई थी। उनको शराब की लत थी। उनका कहना था कि बिना पिये वह बहुत बेसुरा गाते हैं।