फिल्म के अंदर भी मान-सम्मान की लड़ाई है और फिल्म के बाहर भी मान-सम्मान की लड़ाई चल रही है। लेकिन उस लड़ाई और इस लड़ाई में अंतर है। उस लड़ाई में क्षत्रिय समाज अपने देश के लिए, महिलाओं के लिए और अपने मान-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे थे और इस लड़ाई में वे खुद ही देश के दुश्मन बन रहे हैं। देश के संविधान और कानून का मखौल उड़ा रहे हैं। हाल ये है कि उन्होंने फिल्म देखने वालों को भी पीटने की धमकी दी है। शनिवार रात गुजरात के कई इलाकों में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन हुए। हालत ये हो गई है कि मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन करणी सेना की दहशत की वजह से थियेटर्स में फिल्म दिखाने को तैयार नहीं है। करणी सेना से जुड़े लोगों ने फिल्म के खिलाफ के प्रदर्शन करते हुए गुजरात के मेहसाणा में बसों को आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं ‘पद्मावत’ के विरोधियों ने आने जाने वाली गाड़ियों को भी रोका।
वहीं कल देर रात अहमदाबाद स्थित राजहंस सिनेमा में पहुंचे करणी सेना के लोगों ने पद्मावत न दिखाए जाने की मांग करने के साथ ही सिनेमाहॉल में हमला बोल दिया। राजपूत संगठनों ने सिनेमा में कई जगहों के कांच तोड़ डाले। हॉल के अंदर काफी नुकसान किया। वहीं दूसरी तरफ बिहार में भी पद्मावत को लेकर तांडव जारी है। शनिवार को सीतामढी में पद्मावत फिल्म के प्रदर्शन के विरोध में करणी सेना व हिन्दू संगठन से जुड़े युवकों ने शहर के किरण चौक से परंपरागत हथियार (तलवार) से लैस युवकों ने जुलूस निकाला। ये जुलूस शहर के मुख्य मार्ग से गुजरते हुए सिनेमा रोड पहुंची। जुलुस में शामिल करणी सेना और हिन्दू संगठन से जुड़े युवकों ने पद्मावत फिल्म के डायरेक्टर के विरोध में प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए बसुश्री सिनेमा हॉल रोड पहुंचे। यहां प्रदर्शनकारियों ने तलवार लहराकर प्रदर्शन किया और बसुश्री सिनेमा हॉल के बाहर हंगामा किया। इसके बाद सिनेमा चौक पर संजय लीला भंसाली का पुतला दहन किया। इसके बाद शहर के सभी सिनेमा हॉल के बाहर प्रदर्शन किया और डायरेक्टर के खिलाफ असंसदीय भाषा का भी प्रयोग किया।
राजपूत संगठनों के कुछ सदस्यों ने पद्मावत के विरोध में हरियाणा के अंबाला में विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध के बावजूद खबर ये भी है कि पद्मावत के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने करणी सेना प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी को फिल्म देखने के लिए आमंत्रित किया है। जयपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कालवी ने बताया कि भंसाली ने फिल्म देखने के लिए बुलाया है और वे फिल्म देखने के लिए तैयार भी हैं, लेकिन उनकी शर्त ये है कि उनकी राय मानी जाए. कालवी ने कहा कि यह फिल्म कमेटी के उन लोगों को भी दिखाई जाए, जिनको पहले नहीं दिखाई गई है।