Bholaa Movie Review: एक्शन का ओवरडोज, सीटीमार फिल्म…कमजोर कहानी के बाद भी दर्शकों को बांधे रखती है ‘भोला’

Bholaa Movie Review: अजय देवगन स्टारर यह फिल्म शानदार कोरियोग्राफ किए गए एक्शन से भरी हुई है। फिल्म देखते वक्त एक्शन आपके रोंगटे खड़े कर देगी। फिल्म के दौरान उनके किरदार को जो कुछ ऊंचाइयां मिली हैं, वे फिल्म की कहानी से अलग हैं।

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Bholaa Movie Review
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निर्देशक: अजय देवगन

बजट: 100 करोड़

स्टार कास्ट: अजय देवगन, तब्बू, संजय मिश्रा, अमाला पॉल, गजराज राव, दीपक डोबरियाल, राय लक्ष्मी, विनीत कुमार और अभिषेक बच्चन

रेटिंग:3/5

प्लॉट

Bholaa Movie Review: IPS अधिकारी डायना (तब्बू) एक ड्रग लॉर्ड अश्वत्थामा (दीपक डोबरियाल) का 1000 करोड़ रुपये के कोकीन से लदे एक ट्रक को जब्त करती है। फिर पुलिस और गैंगस्टर के बीच इस लड़ाई के बीच एक कैदी, भोला (अजय देवगन) की एंट्री होती है। अपनी बेटी की अच्छी परवरिश के बदले भोला पुलिस को ड्रग लॉर्ड से बचाने की जिम्मेदारी लेता है। क्या वह ऐसा करने में सफल होता है? जब आप भोला देखेंगे तो सारा एक्शन, ड्रामा और रोमांच सामने आ जाएगा।

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फिल्म में खास क्या है?

अजय देवगन स्टारर यह फिल्म शानदार कोरियोग्राफ किए गए एक्शन से भरी हुई है। फिल्म देखते वक्त एक्शन आपके रोंगटे खड़े कर देगी। फिल्म के दौरान उनके किरदार को जो कुछ ऊंचाइयां मिली हैं, वे फिल्म की कहानी से अलग हैं। त्रिशूल युद्ध और प्री-इंटरवल ब्लॉक और संजय मिश्रा और दीपक डोबरियाल के बीच शानदार फाइट सीन आपको सबसे अच्छा लगेगा।

6 मिनट का लंबा बाइक चेज़ सीक्वेंस, अजय देवगन की डायरेक्शन क्षमता के बारे में बहुत कुछ बताता है। वहीं तब्बू की एंट्री सीक्वेंस भी अच्छे से डिजाइन की गई है। फ़र्स्ट हाफ़ में फ़िल्म की गति अच्छी रही है, लेकिन सेकेंड हाफ़ में कुछ पल स्लोग की तरह महसूस होते हैं। ये कहा जा सकता है कि निर्देशक के मोर्चे पर अजय निराश नहीं करते हैं और एक निर्देशक के रूप में ज्यादातर विषय वस्तु पर नियंत्रण रखते हैं।

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फिल्म में क्या कमी है?

दूसरे हाफ में फिल्म स्लो हो जाती है। एक और चीज कि कमजोर कहानी कुछ अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए एक्शन सीन को दिखा कर बचाई गई है। फिल्म में फ्लैशबैक के एपिसोड जल्दबाजी में चलाए जाते हैं। फिल्म में भोला के चरित्र को सही तरीके से नहीं दिखाए गए हैं, वो इसलिए भी कि आज कल हर फिल्म के लिए एक ट्रेंड चलने लगा है कि उसका दूसरा पार्ट भी आए। वहीं फिल्म में अजय देवगन यानी भोला की बेटी का इमोशन भी सही नोट नहीं मार पाता है।

फिल्म में अजय देवगण के डायलोग में वह पंच नहीं है जो भोला जैसी फिल्म में होना चाहिए। हालांकि, दीपक और संजय मिश्रा और करछी के कैरेक्टर ने जबरदस्त डायलॉग डिलीवरी की है। या यूं कहें कि करछी फिल्म की जान हैं। उसका एक डायलोग- पुलिस वाले पिए तो देशभक्ति, करछी पिए तो बेवड़ा…क्लाइमेक्स एक्शन भी और बेहतर हो सकता था।

एक्टिंग पक्ष

अजय देवगन ने भोला के अपने किरदार को बखूबी निभाया है। उनके पास शानदार बॉडी लैंग्वेज है। खलनायकों के साथ उनके टकराव के सीन प्रमुख आकर्षणों में से हैं । वह बॉस की तरह एक्शन सीक्वेंस में महारत हासिल करते हैं। तब्बू एक आईपीएस अधिकारी की भूमिका बहुत ही ईमानदारी से निभाती हैं। वह अपनी अभिनय सीमा का अच्छा उपयोग करती है और एक जबरदस्त प्रदर्शन करती है। दीपक डोबरियाल ने नॉकआउट प्रदर्शन दिया। वह अश्वत्थामा के रूप में असाधारण हैं। उनका प्रदर्शन दिलचस्प है। गजराज राव और अन्य सभी सहायक अभिनेता अच्छा समर्थन देते हैं, हालांकि, यह संजय मिश्रा हैं जो कलाकारों की टुकड़ी से अलग हैं। देखने के लिए एक विशेष सरप्राइज कैमियो भी है।भोला मुख्य रूप से अजय देवगन और उनकी टीम द्वारा चतुराई से निर्देशित अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए एक्शन सीन पर सवारी करता है।

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