Teachers’s Day 2022: शिक्षक दिवस के मौके पर हर छात्र अपने टीचर को याद करता है। उनके समर्पण, सेवाभाव को छात्र यादकर उन्हें सम्मानित करते हैं। भारत में प्राचीन काल से गुरु-शिष्य रिश्ते की अटूट परंपरा रही है। फिर चाहे श्रीरामचंद्र जी हों, कृष्ण जी, शिवाजी या एपेजी अब्दुल कलाम।
Teachers’s Day: शिक्षक दिवस के मौके पर हर छात्र अपने टीचर को याद करता है। उनके समर्पण, सेवाभाव को छात्र यादकर उन्हें सम्मानित करते हैं। भारत में प्राचीन काल से गुरु-शिष्य रिश्ते की अटूट परंपरा रही है। फिर चाहे श्रीरामचंद्र जी हों, कृष्ण जी, शिवाजी या एपेजी अब्दुल कलाम।
इन सभी महान हस्तियों को पैरों पर खड़े करने वाले इनके गुरु ही थे। हमारे देश में गुरु का दर्जा बेहद ऊंचा है, इसीलिए अक्सर कहा भी जाता है, गुरु: ब्रहमा: गुरु: विष्णु, गुरु: देवो महेश्वर।यानी गुरु ही ब्रहमा हैं, गुरु ही विष्णु और गुरु ही महेश। देश को भी चाणक्य, सावित्रीबाई फुले से लेकर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे गुरु मिले।जिन्होंने शिक्षा का महत्व से लेकर इसका प्रसार में पूरे भारत का परचम लहराया। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ महान शिक्षकों के बारे में।

Teachers’s Day 2022: देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले
Teacher’s Day 2022: महाराष्ट्र के सतारा जिले में नायगांव गांव में 3 जनवरी 1831 को सावित्रीबाई फुले का जन्म हुआ था। वह देश की पहली महिला शिक्षिका थीं। इसके साथ ही भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल भी थीं। उन्होंने पहले किसान स्कूल की स्थापना की थी। 9 साल की उम्र में जब सावित्री बाई की की शादी हुई थी, तो वह पढ़ना लिखना नहीं जानती थीं।
सावित्रीबाई फुले ने सभी बाधाओं के बावजूद पढ़ाई जारी रखी।जब वह पढ़ने के लिए स्कूल जाती थीं, तो लोग उन्हें पथ्तर से मारते थे। यहीं नहीं लोग उनके ऊपर कूड़ा और कीचड़ भी फेंकते थे।उन्होंने लड़कियों के लिए एक दो नहीं बल्कि 18 स्कूलों का निर्माण कराया।उन्होंने देश में कुरीतियों के खिलाफ भी आवाजा बुलंद की।छुआछूत, बाल-विवाह, सती प्रथा और विधवा विवाह निषेध जैसी कुरीतियों का विरोध किया और इनके खिलाफ लड़ती रहीं।
Teachers’s Day 2022: महान गुरु, कूटनीतिक और राजनीतिक विश्लेषक- आचार्य चाणक्य
Teachers’s Day 2022: आचार्य चाणक्य को एक महान गुरु, कूटनीतिक और राजनीतिक विश्लेषक के रूप से जाना जाता है। चाणक्य बुद्धि के धनी थे और महान राजनीतिज्ञ, कुटनीतिज्ञ के अलावा महान शिक्षक भी थे। चाणक्य की नीतियां कितनी बलवान और कारगर थीं इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा लीजिए कि इन्होंने साधारण से बालक को मगध का चक्रवर्ती स्रमाट बना दिया था। चाणक्य के पिता चणक ने उनका नाम कौटिल्य रखा था।
चाणक्य के पिता चणक की मगध के राजा द्वारा राजद्रोह के अपराध में हत्या कर देने के बाद चाणक्य ने राज सैनिकों से बचने के लिए अपना नाम बदलकर विष्णुगुप्त रख लिया था। विष्णुगु्प्त नाम से ही उन्होंने तक्षशिला के विद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी की।
आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धि और क्षमताओं के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी विश्वविख्यात हुए। इतनी सदियां गुजरने के बाद आज भी यदि चाणक्य के द्वारा बताए गए सिद्धांत और नीतियां प्रासंगिक हैं तो मात्र इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने गहन अध्ययन, चिंतन से जो कुछ भी हासिल किया उसे मानवीय कल्याण के लिए लोगों से बांटा।
Teachers’s Day 2022: गुरु का महत्व और भारतीय दर्शन का सिद्धांत दिया- स्वामी विवेकानंद
Teachers ‘s Day 2022: 12 जनवरी 1863 को स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ। उनके बचपन का नाम नरेंद्र था।नरेंद्र बचपन से ही तीक्ष्ण बुद्धि के थे।
स्वामी विवेकानंद ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस को अपना गुरु माना।मात्र 25 वर्ष की आयु में उन्होंने सन्यास अपनाया और पूरे भारत की यात्रा की। 1893 में अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व सर्वधर्म परिषद में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। उनकी सीख आज भी लोग मानते हैं।
अपने शिष्यों को उन्होंने भारतीय दर्शन का महत्व बताया। उसका गहन अध्ययन भी किया। उनका कहना था कि मैं यह अहसास करता हूं कि भगवान् हर मानव के अंदर है, उस पल में जिस किसी भी मनुष्य के सामने खड़ा होता हूं तो मैं उसमें भगवान् पाता हूँ, उस पल में मैं बंधन से मुक्त हो जाता हूं। सारे बंधन अदृश्य हो जातें हैं और मैं मुक्त हो जाता हूं।
Teachers’s Day 2022: स्वराज की मांग उठाई और युवाओं में बढ़ाया जोश- बाल गंगाधर तिलक

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जो महज शिक्षक ही नहीं बल्कि भारत के प्रमुख नेता, समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके नाम के आगे ‘लोकमान्य’ लगाया जाता है, ये वह ख्याति है जो बाल गंगाधर तिलक ने अर्जित की थी।वह संस्कृत के विद्वान और प्रख्यात शिक्षक थे।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने ही सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठाई थीं। उन्होंने बच्चों और युवाओं के बीच देश को आगे ले जाने का जज्बा जगाया। अपने छात्रों को सदैव अच्छे आचरण और उनके अधिकारों का पूर्ण ज्ञान भी करवाया।
संबंधित खबरें
- Delhi Model Virtual School खोलने वाला दूसरा राज्य बना, CM केजरीवाल ने कहा- स्कूल नहीं जा पाने वाले बच्चों के लिए साबित होगा वरदान, जानिए कौन ले सकता दाखिला ?
- UGC ने जारी की 21 फर्जी विश्वविद्यालयों की List, सबसे ज्यादा संख्या Delhi और UP में Universities की