IIT जैसे बड़े शिक्षण संस्थान में पढ़ने का हर किसी का सपना होता है लेकिन हजारों में कुछ लोगों को ही ये मौका मिलता है क्योंकि, आईआईटी में एडमिशन के लिए छात्रों को कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ता है. लेकिन देशभर में IIT को लेकर सामने आए ताजा आंकड़े बेहद हैरान करने वाले हैं. पिछले पांच सालों से आईआईटी संस्थानों में कई सीटें ना सिर्फ खाली रह जाती हैं, बल्कि खाली सीटों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी भी हो रही है. आईआईटी-बीएचयू इस मामले में सबसे ऊपर है.

HRD के आंकड़ों के मुताबिक, खाली सीटों की इस समस्या के समाधान के लिए मंत्रालय को एक समिति का गठन करना पड़ा. कमेटी ने इस मुद्दे के समाधान के लिए मंत्रालय को कई सुझाव दिए हैं. पिछले साल गठित इस कमेटी ने इस साल के शुरू में अपनी रिपोर्ट सौंपी है. देश के सभी IIT संस्थानों में कुल मिलाकर लगभग 11 हजार सीटें हैं. साल 2013 से अब तक कुल 274 सीटें खाली छूट चुकी हैं.

साल 2013 में 15 सीटें खाली रही थीं. जबकि, 2014 में पांच और 2015 में 39 सीटें खाली रहीं. इसी तरह 2016 में 96 और साल 2017 में 121 सीटें खाली रह गईं. आईआईटी-बीएचयू में बाकी 23 संस्थानों के मुकाबले पिछले पांच साल में सबसे अधिक सीटें खाली रही हैं. आईआईटी-बीएचयू में 2013 और 14 में चार-चार सीटें खाली रह गई थीं. जबकि, 2015 में 18 और साल 2016 में 38 सीटें खाली थीं. इसी तरह 2017 में 32 सीटें खाली रह गईं.

IIT-कानपुर और IIT-हैदराबाद में 2013 से 2017 तक जबकि IIT-दिल्ली में 2013 से 2015 के बीच एक भी सीट खाली नहीं रही थी. साल 2016 और 2017 में आईआईटी दिल्ली में दो-दो सीटें खाली रही थीं.

ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन

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