Eklavya School: बजट जारी होने के बाद से एकलव्य स्कूल काफी चर्चा में है। दरअसल हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 7 हजार से ज्यादा एकलव्य स्कूल के निर्माण का जिक्र किया गया है। बता दें कि देश में इतनी बड़ी संख्या में एकलव्य स्कूल खुलने से 8 हजार से ज्यादा शिक्षकों को रोजगार का मौका मिलेगा। इसके अलावा बच्चों को पढाई में भी सुविधा होगी। आइए जानते हैं एकलव्य स्कूल के बारे में सबकुछ।
कब की हुई थी Eklavya School की स्थापना
एकलव्य स्कूल की स्थापना 1997-98 में की गई थी। एकलव्य स्कूल को एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल (EMRS) के नाम से भी जाना जाता है। ये स्कूल राज्य सरकार के अंतर्गत आते हैं। इनकी स्थापना के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट फंड देती है। एकलव्य स्कूल में ज्यादातर ट्राइब (आदिवासी) छात्र पढ़ते हैं। ये स्कूल खासतौर पर शेड्यूल ट्राइब छात्रों के लिए बनाए जाते हैं। एकलव्य स्कूल में एडमिशन की बात करें तो इस स्कूल में 480 स्टूडेंट्स का एडमिशन किया जा सकता है, जिसमें ट्राइब छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है। इस स्कूल में कक्षा 6वीं से 8वीं तक के स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाता है। एसटी (ST) वर्ग के अलावा पीवीटीजी (PVTG Tribal) कैटेगरी के छात्र भी यहां अपना एडमिशन करवा सकते हैं।
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कितने एकलव्य स्कूल हैं?
एकलव्य स्कूल राज्य सरकार के अंतर्गत आते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक फिलहाल 401 एकलव्य स्कूल हैं, इनमें 113275 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि आने वाले समय में इनकी संख्या और बढ़ जाएगी। एकलव्य स्कूल की खासयित ये है कि इस स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ और भी एक्टविटीज कराई जाती है। जैसे स्पोर्ट्स, लोकल आर्ट, इत्यादि। यदि आपको एकलव्य स्कूल के बारे में और ज्यादा जानकारी चाहिए तो आप उनकी ऑफिशियल वेबसाइट tribal.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं।
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