PVR INOX Merger:मल्टीप्लेक्स उद्योग की दो दिग्गज कंपनियों ‘पीवीआर सिनेमाज’ और ‘आईनॉक्स लेजर’ ने रविवार को अपने विलय की घोषणा कर दी। इस विलय समझौते के बाद अब देश में 1500 स्क्रीन की सबसे बड़ी मल्टीप्लेक्स चेन बनेगी। दोनों कंपनियों ने शेयर बाजारों को भेजी जानकारी में कहा कि दोनों कंपनियों के निदेशक मंडल ने पीवीआर के साथ आईनॉक्स के सभी शेयरों के विलय के लिए अनुमति दे दी है।
इस विलय समझौते के बाद संयुक्त कंपनी का नाम ‘पीवीआर आईनॉक्स’ लिमिटेड होगा, लेकिन दोनों कंपनियां अपने मौजूदा मल्टीप्लेक्स का संचालन पुराने नाम से ही करेंगी। ‘सेबी’ (SEBI) की ओर से भी आधिकारिक पुष्टि कर दी गई है। एएनआई के मुताबिक सेबी ने ट्वीट में लिखा है कि INOX Cinemas और PVR Cinemas ने मर्जर की घोषणा कर दी है। इस मर्जर के बाद अब नए संगठन का नाम पीवीआर-आइनॉक्स लिमिटेड होगा। पुराने थिएटर्स हैं उनके नाम वैसे ही होंगे और उनकी ब्रांडिंग भी वैसे ही की जाएगी, लेकिन अब जो नए सिनेमाघर खुलेंगे वो पीवीआर-आइनॉक्स लिमिटेड के नाम से जाने जाएंगे।

PVR-Inox: निदेशक मंडल के सदस्यों की संख्या हुई 10
विलय के बाद जो नए मल्टीप्लेक्स खुलेंगे उनका नाम ‘पीवीआर आईनॉक्स’ ब्रांड के साथ रखा जाएगा। इसके साथ ही समझौते के प्रभाव में आ जाने के साथ नई संयुक्त कंपनी में निदेशक मंडल के सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 10 कर दी जाएगी। समझौते के मुताबिक, आईनॉक्स के पीवीआर के साथ विलय के लिए शेयर अदला-बदली अनुपात 3:10 का होगा। इसका मतलब आइनॉक्स के 10 शेयरों पर पीवीआर के तीन शेयर होंगे। इस समझौते पर पीवीआर और आइनॉक्स के शेयरधारकों, शेयर बाजार, भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) और अन्य नियामकों की मंजूरियां अभी ली जानी हैं।

विलय के बाद बनने वाली कंपनी में पीवीआर के अजय बिजली को प्रबंध निदेशक और संजीव कुमार को कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया जाएगा। पीवीआर के पास मौजूदा वक्त में देश के 73 शहरों में 181 संपत्तियां हैं, जिसमे वह 871 स्क्रीन का संचालन करती है। आईनॉक्स के पास 72 शहरों में अपनी 160 संपत्तियों में 675 स्क्रीन हैं।
कोरोना से हुआ था नुकसान
PVR के चेयरमैन अजय बिजली दोनों कंपनी के प्रबंध निदेशक होंगे संजीव कुमार को कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। INOX के चेयरपर्सन पवन कुमार जैन को बोर्ड के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस फैसले से 16,000 करोड़ रुपये से अधिक मार्केट कैप वाली एक बड़ी कंपनी बनेगी।ओटीटी प्लैटफॉम के बढ़ते क्रेज की वजह से मार्केट में मुकाबला भी काफी कठिन हो गया है। वहीं कोरोना महामारी की वजह से थिएटर्स को मंदी का सामना करना पड़ा था।
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