महाशिवरात्रि हो या नवरात्र मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। अधिक भीड़ के कारण कई बार मंदिरों में भगदड़ भी मच जाती है। इसमें लोगों की जान चली जाती है। इसतरह की घटनाओं से बचने के लिए वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन ने महाशिवरात्रि के दिन बड़ा फैसला लिया है। प्रबंधन के अनुसार 11 मार्च को यानी की महाशिवरात्रि के दिन भक्त बाबा के शिवलिंग का स्पर्श दर्शन नहीं कर सकेंगे। हालांकि, श्रद्धालु गर्भगृह के बाहर लगे अरघे के जरिए बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक जरूर कर सकेंगे।

इस बीच काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने महाशिवरात्रि के दिन पूजा आरती को लेकर समय सारिणी जारी कर दिया है।

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से जारी समय सारिणी के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन पूजा आरती तड़के सुबह ही शुरू हो जाएगी। सुबह 2.15 बजे से पूजा शुरू होगी और सुबह 3.15 बजे आरती के साथ खत्म होगी। इसके बाद 3.30 बजे मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। दोपहर 12 बजे मध्याह्न भोग आरती की पूजा शुरू होगी और 12.30 बजे पूजा खत्म होगी।

इसके अलावा चारों प्रहर की आरती का भी समय तय कर दिया गया है. प्रथम प्रहर में रात 10.50 बजे शंख बजेगा और दर्शनार्थियों को गर्भगृह में जाने देने से रोककर पूजा की तैयारी होगी। रात 11 बजे से आरती शुरू होकर रात 12.30 बजे तक चलेगी। दूसरे प्रहर में रात 1.30 बजे से आरती शुरू होगी जो 2.30 बजे खत्म होगी. तीसरे प्रहर में तड़के 3 बजे आरती शुरू होगी जो 4.25 बजे खत्म होगी। इसी तरह चौथे प्रहर की आरती सुबह 5 बजे से शुरू होकर 6.15 बजे तक चलेगी।

वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने इस संबंध में बताया कि भीड़ और भगदड़ जैसे हालात न पैदा हों, इसलिए काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में महाशिवरात्रि के दिन पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।

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