Gudi Padwa 2022 Date: हिंदू समुदाय का खास और महत्वपूर्ण त्यौहार ‘गुड़ी पड़वा’ (Gudi Padwa) 2 अप्रैल को मनाया जाएगा। वैसे तो गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) मुख्य रूप से महाराष्ट्र (Maharashtra) में मनाया जाता है। बता दें कि हिन्दू कैलेंडर का नया साल इसी दिन से शुरू माना जाता है। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसकी शुरुआत के साथ सनातन धर्म की कई सारी कहानियां जुड़ी मानी जाती हैं।
दक्षिण भारत के कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में इस त्योहार की ज्यादा धूम देखने को मिलती है। गुड़ी पड़वा के दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए और खिलाए जाते हैं जिसमें सबसे खास होती है पूरन पोली। भारत के अलग-अलग राज्यों में इसे उगादी, युगादी, चेटी चंद जैसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है।
Gudi Padwa 2022 Date: क्यों मनाया जाता है ? गुड़ी पड़वा
महाराष्ट्र में इसे नए साल की शुरुआत माना जाता है। गुड़ी पड़वा को ब्रह्मांड की रचना वाला दिन भी माना जाता है। यहां इसे मनाने का एक विशेष महत्व यह भी है कि, मराठा शासक छत्रपति शिवाजी जी ने युद्ध जीतने के बाद सबसे पहले गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया था। जिसके बाद मराठी समुदाय हर साल इस त्यौहार का मनाते हैं और अपने घरों पर गुड़ी यानि झंडे को विजय प्रतीक के रूप में लगाते हैं।
इसके अलावा पौराणिक कथाओं में यह रावण पर भगवान राम की जीत, उनके 14 साल के वनवास के बाद उनके राज्याभिषेक और भगवान राम द्वारा बालि का वध कर दक्षिण भारत के लोगों को उसके आतंक से मुक्त करवाने जैसे प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है।सतयुग की शुरुआत भी इसी दिन से मानी जाती है, इसलिए कई जगहों पर इस दिन विशेष पूजा अर्चना भी की जाती है।
गुड़ी पड़वा का खास महत्व
महिलाएं इस पर्व पर विशेष पूजा का आयोजन करती हैं, जिससे नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाएं। इस दिन के खानों को विशेष माना जाता है। खाली पेट पूरन पोली का सेवन करने से चर्म रोग की समस्या भी दूर होती है। इस दिन लोग अपने घरों में खूबसूरत रंगोली बनाते हैं और गुड़ी यानि झंडा फहराते हैं।
गुड़ी पड़वा पर स्वादिष्ट खानों और मिठाइयों की एक लंबी लिस्ट होती है। इन खानों में बासुंदी, साबूदाना वड़ा, नारियल के लड्डू, आमरस, गुलाब जामुन, पूरन पोली, श्रीखंड, मूंग दाल वड़ा और भाकरवाड़ी जैसे कई व्यंजन शामिल हैं।
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