Retro Tax इस महीने से अधिसूचित किया गया, नियमों में बदलाव से निवेश को मिलेगी मजबूती

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Finance Ministry ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स कानून का प्रावधान खत्म करने के बाद नियमों को इस महीने से अधिसूचित कर दिया है।

Finance Ministry ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स कानून का प्रावधान खत्म करने के बाद नियमों को इस महीने से अधिसूचित कर दिया है। नियमों के मुताबिक वर्ष 2012 के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स कानून के तहत सरकार ने जो भी टैक्स दावे किए, वे इस कानून के तहत वापस कर दिया जाएगा। पहले के नियमों के कारण कंपनियों भारी-भरकम राशि टैक्स में चुकानी पड़ी थी।

हालांकि कंपनियों को यह पैसा लेने के लिए नए नियमों के तहत सरकार के खिलाफ दायर कोई भी मुकदमा वापस लेना होगा और गारंटी देनी होगी कि भविष्य में वह किसी तरह का दावा देश या दुनिया के किसी भी हिस्से में नहीं करेंगी। क्षतिपूर्ति बॉन्ड के साथ ही आयकर अधिकारियों को घोषणापत्र और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से पारित प्रस्ताव या कानूनी अधिकार भी देना होग

45 दिनों के अंदर निपटाने होंगे सभी मामले

नए नियमों में 45 दिनों के अंदर कंपनियों को सभी लंबित मामले वापस लेने होंगे। कम से कम 10 दिन के बाद रिफंड राशि दे दी जाएगी। प्रक्रिया में कम से कम पांच महीने लगेंगे।

बता दें कि कई कंपनियों के साथ चल रहे टैक्स विवाद को खत्म करने के लिए रेट्रो टैक्स रोलबैक बिल लोकसभा में पेश किया गया था। वोडाफोन, केयर्न सहित कुल 17 केस में ऐसी टैक्सत वसूली को लेकर विवाद था।

क्या है रेट्रो टैक्स

रेट्रो टैक्स कंपनियों के पूंजीगत लाभ पर कर लगाया कर है, जिससे केयर्न एनर्जी पीएलसी (Cairn Energy Plc) और वोडाफोन समूह (Vodafone Group) जैसी ब्रिटिश फर्मों में गिरावट आई। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन ग्रुप के इनकम टैक्स कानून की व्याख्यान को सही माना था और कहा था कि कंपनी को हिस्सेदारी खरीदने पर कोई टैक्न नहीं देना है। इसके बाद तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने फाइनेंस बिल में एक संशोधन का प्रस्ताव किया, जिसमें टैक्स अधिकारियों को इस तरह की डील पर रेट्रो टैक्स वसूली का अधिकार दिया गया। भारत सरकार और वोडाफोन के बीच यह मामला तकरीबन 20,000 करोड़ के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को लेकर था।

केयर्न एनर्जी पीएलसी के शेयर ट्रांसफर को लेकर भी इसी तरह का मामला था। केयर्न ने 2006 में अपनी भारतीय इकाई का बीएसई पर लिस्ट कराया था। पांच साल बाद सरकार ने एक रेट्रो टैक्स कानून पारित किया और केयर्न पर 10,247 करोड़ रुपये के ब्याज और जुर्माना लगाया। यह मामला हेग के एक आर्बिट्रेशन ट्रिब्यू़नल मे गया, जहां दिसंबर 2020 में केयर्न एनर्जी के पक्ष में फैसला सुनाया गया।

निवेश को मिलेगा बढ़ावा

जानकारों का कहना है कि इससे अनुकूल निवेश के लिए भारत निवेशकों की पसंद बनेगा। निवेशकों के लिए टैक्स की दरें भी काफी आकर्षक हैं। पिछले कुछ वर्षों में देश में निवेश के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाने के लिए सरकार ने बड़े सुधार किए हैं। ईवाई के टैक्स पार्टनर प्रणव सयता ने कहा कि यह कर कानूनों में स्पष्टता लाता है, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा अनावश्यक लंबे समय तक चलने वाले मुकदमे खत्म होंगे। कंपनियां अब बिना किसी कर लागत या दंड के मामले निपटा सकेंगी।

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