भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने बुधवार को भले ही रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन आम आदमी को एक तोहफा देने की तैयारी जरूर की है। आरबीआई ने डेबिट कार्ड से होने वाले ट्रांज़ेक्शन चार्जेज को लेकर अहम कदम उठाया है। रिजर्व बैंक ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को लेकर राहत देने वाला फैसला लिया है। इसके तहत डेबिट कार्ड से होने वाले लेनदेन के लिए अलग-अलग मर्चेंट डिस्काउंट दरें तय की गई हैं। रिजर्व बैंक का यह नियम 1 जनवरी से लागू होगा।

आरबीआई ने कहा है कि देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन खासकर डेबिट कार्ड से लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए मर्चेंट  डिस्काउंट रेट को लेकर कारोबारियों को राहत दी जा रही है। आरबीआई के मुताबिक कारोबारियों पर उनकी कैटेगरी के हिसाब से चार्ज वसूला जाएगा। इसका सीधा मतलब यह है कि बड़े कारोबारियों से ज्यादा चार्ज वसूला जा सकता है। वहीं छोटे कारोबारियों के लिए चार्जेस कम रखे जा सकते हैं। आरबीआई ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट को तय करने के तरीके में भी बदलाव करने के संकेत दिए हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि इससे छोटे कारोबारी भी डेबिट व  क्रेडिट कार्ड से लेनदेन करने के लिए प्रेरित होंगे। इससे देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा। आरबीआई के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के दौरान डेबिट कार्ड  ट्रांजैक्शन काफी तेजी से बढ़े हैं। केंद्रीय बैंक ने उम्मीद जताई है कि आगे भी  इसमें रफ्तार रहेगी।

एमडीआर क्या होता है

कोई बैंक किसी मर्चेंट या व्यापारिक ईकाई को डेबिट और क्रेडिट कार्ड सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जो शुल्क लगाता है उसे ही मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एम.डी.आर. कहते हैं। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने कार्ड के जरिए भुगतान स्वीकार करने वाली मर्चेंट इकाइयों के नेटवर्क का दायरा बढ़ाने के उद्देश्य से शुल्क स्तरों में बदलाव किया है। इसका एक लक्ष्य बैंकों को नगदी रहित या कम नगदी वाली प्रणालियों में निवेश को प्रोत्साहित करना है।

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