Mustard Oil Price : पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता को एक और झटका लग सकता है। दरअसल एक बार फिर सरसों का तेल मंहगा होने लगा है, जिसका सीधा असर जनता की रसोई पर पड़ेगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों सरसों के तेल समेत खाने के अन्य तेलों में गिरावट देखने को मिली थी। लेकिन इसी बीच अब बाजार में सरसों, मूंगफली और पामोलीन के भाव में तेजी देखने को मिली है।
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Mustard Oil Price: सप्ताह की शुरुआत में बढ़े तेल के भाव
सरसों के तेल की कीमतों में पिछले सप्ताह के मुकाबले इस हफ्ते की शुरुआत में ही मंहगा हो गया है। बता दें कि पिछले हफ्ते के आखिरी दिन सरसों घानी तेल का भाव 2,405 – 2,510 रुपये प्रति टिन था। वहीं इसी सप्ताह सोमवार को यह भाव 20 रुपये प्रति टिन मंहगा होकर 2,425 – 2,530 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
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त्योहारों पर हो सकती है सरसों के तेल की दिक्कत
बताया जा रहा है कि सहकारी खरीद एजेंसियों के पास भी इस बार सरसों का स्टॉक नहीं है और वहीं अभी सरसों की अगली फसल आने में भी वक्त है, जिसके चलते आने वाले दिनों में सरसों की दिक्कत बढ़ सकती है।
60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल आयात करता है भारत
बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल आयात करता है। भारत मुख्य रूप से अर्जेंटीना और ब्राजील से सोया तेल खरीदता है। इसी तरह भारत यूक्रेन और रूस से सूरजमुखी तेल खरीदता है। यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का शिपमेंट फिलहाल बंद हो गया। अब भारत रूस से अधिक आयात करने की कोशिश कर रहा है।
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