Fuel Price: सरकार ने जैसे ही एक्साइज ड्यूटी कम की वैसे ही पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि रुक गई। एक ओर जहां तेल के दाम घटने से जनता ने राहत की सांस ली,वहीं दूसरी ओर सरकार के इस फैसले से पेट्रोलियम डीलर्स नाराज हैं। पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी के घटने से पेट्रोल पंप चलाने वालों को काफी नुकसान हो रहा है।
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि टैक्स में कटौती होने से उन्हें कम दामों में तेल बेचना पड़ रहा है जिससे उन्हें घाटा हो रहा। सरकार के इस फैसले का अब पेट्रोलियम डीलर्स खुलकर विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र और तमिलनाडू के डीलर्स ने कई शहरों में पेट्रोल- डीजल न बेचने का फैसला किया है।

Fuel Price: इन शहरों में बंद सकते हैं पेट्रोल पंप
अपनी मांग को लेकर पेट्रोलियम डीलर्स ने पेट्रोल- डीजल न खरीदने और बेचने को निर्णय किया है। इनके इस फैसले से लोगों को एक- दो दिनों तक तेल की किल्लत से जूझना पड़ सकता है। महाराष्ट्र के डीलर्स ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को डीजल-पेट्रोल न खरीदने और न ही बेचने का ऐलान किया है।
फेडरेशन ऑफ ऑल महाराष्ट्र पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने कहा कि राज्य में करीब 6,500 पेट्रोल पंप हैं और मंगलवार को विरोध प्रर्दशन में सभी हिस्सा ले रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि 2017 के बाद से कमीशन को एक पैसा भी नहीं बढ़ाया गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने टैक्स अचानक कम कर दिया, जिसके चलते महाराष्ट्र के पेट्रोल पंपों को 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार इस नुकसान की भरपाई करे।

पेट्रोलियम डीलर्स के इस विरोध के कारण कई राज्यों में इस हफ्ते पेट्रोल- डीजल की किल्लत हो सकती है।महाराष्ट्र के साथ तमिलनाडु और कई राज्यों के डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार के विरोध में शामिल होने का ऐलान किया है। अगर पेट्रोल पंप मंगलवार को स्टॉक नहीं खरीदते हैं तो कई पेट्रोल पंप अगले दिन बुधवार को तेल की कमी झेल सकते हैं।
Fuel Price: जानिए क्या है पेट्रोलियम डीलर्स की मांगें?

पेट्रोलियम डीलर्स सरकार से कमीशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। डीलर्स का कहना है कि डीजल और पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में अचानक कटौती करने से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार ने जैसे ही ड्यूटी कम की, डीजल- पेट्रोल दोनों की खुदरा कीमतें कम हो गईं। डीलर्स का कहना है कि उन्होंने एक दिन पहले अधिक कीमत पर डीजल और पेट्रोल का स्टॉक खरीदा था। ड्यूटी में कमी के बाद उन्हें कम दामों पर बेचना पड़ रहा है। इसके अलावा डीलर्स ये भी कह रहे हैं कि साल 2017 के बाद मार्जिन में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इससे भी उन्हें नुकसान हो रहा है।
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