गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) लागू होने से सिर्फ चार दिन पहले सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए सामान बेचने वालों को बड़ी राहत दी है। ई-कॉमर्स कंपनी को उन्हें पेमेंट करने से पहले टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स)और टीडीएस  (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) नहीं काटना होगा। जबकि जीएसटी कानून में 1% टीसीएस काटने का प्राँविजन है। फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट बेचने वाले का सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपए तक है तो उनके लिए भी यह रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं है।

इसके साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपना माल बेचने वाली छोटी कंपनियों को भी रजिस्ट्रेशन से छूट दे दी गई है। वित्त मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनियों को और समय दिया गया है ताकि वो आसानी से ये प्रावधान लागू कर पाएं।

वहीं दूसरी ओर इसके विरोध में 30 जून को प्रस्तावित भारत बंद के लिए बैठकें करने की खबर आ रही है। इस जानकारी के अनुसार एक जुलाई से लागू हो रहे जीएसटी में आपूर्तिकर्ता को भुगतान करते समय ई-कामर्स कंपनियों को एक प्रतिशत टीसीएस संग्रह करने की जरूरत नहीं होगी।

उधर सीजीएसटी की नए कानून में अधिसूचित इकाइयों को 2.5 लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के लिए भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस तथा टीसीएस से जुड़े प्रावधान को आगे टालने का फैसला किया गया  है। इसका उद्देश्य जीएसटी का सुचारू रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा है कि ट्रेड और इंडस्ट्री से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर सरकार ने CGST/स्टेट GST एक्ट 2017 के TDS (सेक्शन 51) और TCS (सेक्शन 52) के प्रावधानों को टाल दिया है।

दरअसल सरकार ने यह छूट इसलिए दी है क्यों कि जीएसटी नेटवर्क पर नए रजिस्ट्रेशन 25 जून से शुरू हुए हैं। ई-कॉमर्स सप्लायरों की तादाद लाखों में है। सिर्फ 5 दिनों में सबका रजिस्ट्रेशन मुश्किल है।इससे अब वे बिना रजिस्ट्रेशन के वे सामान नहीं बेच सकते थे और  नए कदम से कंपनियों को तैयारी के लिए और उन्हें वक्त मिल जाएगा।

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