Commodities: महंगाई और तेजी से बढ़ते कॉमोडिटी के रेट नियंत्रित करने के मकसद से सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। पहले गेहूं और अब मैदे के निर्यात पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है।दरअसल सरकार ने इनकी बढ़ती कीमतों को देखते हुए ये फैसला लिया है।
इस मामले में विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कहा है कि कुछ मामलों में भारत सरकार की अनुमति पर ही इन वस्तुओं के निर्यात की सहमति दी जाएगी। डीजीएफटी के अनुसार, “वस्तुओं की निर्यात नीति (गेहूं या मेसलिन का आटा, मैदा, सूजी, साबुत आटा, और परिणामी आटा) को मुफ्त की जगह अब प्रतिबंधित कर दिया गया है।

Commodities: मई में ही गेहूं निर्यात पर लगाया था Ban

मालूम हो कि सरकार ने 25 अगस्त को कमोडिटी की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए गेहूं या मेसलिन के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था। यह निर्णय आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक के दौरान लिया गया था।
केंद्र सरकार ने इस साल मई में ही गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। यह फैसला गेहूं का निर्यात बढ़ने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतें में हो रही बढ़ोतरी के कारण लिया गया था। उसके बाद जुलाई के महीने में भी गेहूं के आटे के निर्यात पर भी सरकार ने रोक लगा दी थी।
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