Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी के नेतृत्व में चलाई जा रही भारत जोड़ो यात्रा ने बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में प्रवेश कर लिया है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 6 दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों से होकर मध्य प्रदेश पहुंची है। 3,570 किलोमीटर का पैदल मार्च राज्य में आज बोरगोन गांव से शुरू किया गया है। इस दौरान राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाती नजर आईं प्रियंका गांधी। प्रियंका गांधी आज भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुई हैं। राजनीतिक दृष्टिकोण से इस यात्रा के कई अहम मायने निकाले जा रहे हैं।
Bharat Jodo Yatra: आज की यात्रा का शेड्यूल
गौरतलब है कि बोरगांव से पदयात्रा शुरू हो गई है। करीब 10 बजे दुल्हार फाटा के पास पदयात्रा को कुछ देर के लिए विराम दिया जाएगा। इसके बाद पदयात्रा फिर से शुरू होकर बडोरा अहीर पहुंचेगी। यहां दोपहर में राहुल गांधी टंट्या भील को श्रद्धांजलि देंगे। दोपहर 2:35 एक आदिवासी सभा का आयोजन होगा। इसके बाद करीब 3 बजे ये यात्रा पंझाना गुरुद्वारा साहिब पहुंचेगी। इसके बाद शाम में करीब 7-8 बजे के बीच यात्रा रोशिया (खेरदा) में विश्राम करेगी।
जानकारी के अनुसार, भारत जोड़ो यात्रा का काफिला महाराष्ट्र में जलगांव जामोद से बुधवार को सुबह 6 बजे जसौंधी गांव से होते हुए एमपी के बुरहानपुर जिले के बोदरली गांव पहुंची। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस की ओर से यात्रा के आगमन और राहुल गांधी के स्वागत के लिए खास इंतजाम किए गए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ समेत सूबे के तमाम दिग्गज नेता राहुल गांधी के स्वागत के लिए बुरहानपुर में मौजूद रहे।
5 दिसंबर को यात्रा राजस्थान में प्रवेश करेगी। इससे पहले एमपी के 6 जिलों बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर, मालवा के 25-30 विधानसभा क्षेत्रों से होते हुए मध्य प्रदेश में 399 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। मध्य प्रदेश की पांच लोगसभा सीटें भारत जोड़ो यात्रा के मार्ग में आती हैं। खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और देवास। इन सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।
Bharat Jodo Yatra: एमपी की 16 सीटों पर कांग्रेस की नजर
बता दें कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का रूट 16 विधानसभा सीटों पर है, जिन पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है। पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में सभी 16 सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर चल रही है। कांग्रेस ने राज्य में 2018 का विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन कमलनाथ के नेतृत्व वाली उनकी सरकार 2 साल बाद गिर गई। सरकार गिरने का अहम कारण रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया, जो 20 से अधिक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। जिसके बाद राज्य में बीजेपी की सरकार बनी।
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