कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कल यानी 10 मई, बुधवार को मतदान होना है। राज्य की 224 विधानसभा सीटों के लिए मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। चुनाव नतीजों में किसको कामयाबी मिलेगी यह तो 13 मई को मतगणना के दिन ही पता चलेगा। लेकिन बोम्मई सरकार के लिए ये चुनाव इतना आसान नहीं है। बीजेपी के लिए सत्ता में वापसी का रास्ता इतना आसान नहीं माना जा रहा है। चुनावी विश्लेषक बताते हैं कि बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है।
पिछले विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक राज्य में बीएस येदुरप्पा, एचडी कुमारस्वामी और बी. बोम्मई मुख्यमंत्री रहे हैं। हालांकि इस चुनाव में येदुरप्पा मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं हैं और अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो बोम्मई ही सीएम होंगे। वहीं कांग्रेस का कहना है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो विधायक दल की मीटिंग में सीएम का चुनाव होगा। कांग्रेस में सीएम पद के लिए मुकाबला सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच है।
पिछली बार 2018 में जब चुनाव हुए थे तो किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था लेकिन बीजेपी को 104 सीटें मिलीं तो राज्यपाल ने येदुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिला दी । हालांकि वे विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर सके। इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस एक साथ आ गए और कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने।
कुमारस्वामी 14 महीने मुख्यमंत्री रहे लेकिन जुलाई 2019 में उनकी सरकार गिर गई। दरअसल उस समय कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों को मनाने की कोशिश की लेकिन ये कोशिश कामयाब नहीं हो सकी। बागी विधायकों को मनाने के लिए 21 कांग्रेस मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा भी दिया लेकिन कुछ हासिल नहीं हो सका। जिसके बाद बीजेपी के लिए सरकार बनाना आसान हो गया था।
दिसंबर 2019 में 15 सीटों पर उपचुनाव हुए तो बीजेपी ने 12 सीटें जीत लीं और अपनी सरकार बचा ली। जुलाई 2019 से अब तक राज्य में बीजेपी की सरकार है। लेकिन बीजेपी ने जुलाई 2021 में मुख्यमंत्री का चेहरा बदला और बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया। अब देखना होगा कि बोम्मई बीजेपी को सत्ता में वापसी करवा पाते हैं कि नहीं।