जम्मू कश्मीर में बनी चेनानी-नाशरी सुरंग के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने उधमपुर के मंच से कश्मीरी युवाओं को इस विकास के सुरंग से गुजर कर अमन की राह अपनाने का संदेश दिया। पीएम ने कहा कि जहां घाटी के कुछ लोगों ने भटककर हाथों में पत्थर उठा लिया है वहीं दूसरी तरफ कश्मीर के लोग कश्मीर के पत्थर को तराश कर पूरे देश की किस्मत चमका रहे हैं।

इस दौरान पीएम का जोर इस बात पर था कि कभी कश्मीर का पर्यटन उद्योग भारत का स्वर्ग कहलाता था लेकिन आज पाकिस्तान ने इसे तहस नहस कर दिया है। पीएम के जनसंबोधना के कुछ देर बाद नौहाट्टा में सीआरपीएफ के जवानों पर घात लगाए आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला कर दिया। जिसमें एक जवान शहीद और कई घायल हो गए। तो दूसरी तरफ जम्मू के पुंछ सेक्टर में पाक ने एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया।

वहीं यूपी में किसानों के कर्ज माफी व अन्य पहलुओं पर योगी सरकार 4 अप्रैल को कैबिनेट मीटिंग करने वाली है। लेकिन इसके पहले ही राज्य कृषि मंत्री दिनेश शर्मा ने 1 अप्रैल से 15 मई तक किसानों के लिए सभी गेंहू केंद्र खोल देने के आदेश पर किसानों ने खुशी जाहिर की है।

एपीएन के खास शो मुद्दा में इन्हीं पहलुओं को लेकर चर्चा की गई कि टूरिज्म बनाम टेररिज्म के बीच क्या है जन्नत का दर्द? और क्या पहली बैठक में खत्म होगा किसानों का दर्द?” इस चर्चा को लेकर प्रफुल्ल बक्शी (रक्षा विशेषज्ञ), अंशु अवस्थी (प्रवक्ता, यूपी कांग्रेस), दिनेश सिंह (नेता, बीजेपी), गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादन, APN) चन्द्रशेखर पांडे (प्रवक्ता, सपा) और राकेश टिकैत (किसान नेता) जैसे विशेषज्ञों ने अपने विचार को जनता के समक्ष रखा। शो का संचालन एंकर अनन्त त्यागी ने किया।

Mudda Part 2प्रफुल्ल बक्शी का मत है कि हमारी सिक्यूरिटी एजेंसीज की ताल मेल ठीक है तो हमें सूचनाएं मिलती रहेंगी जिससे हमें एक्शन लेने में कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन हमारी नीति इतनी लचीली है कि हम अगर दुश्मनों को मौका देगें तो हमें अपने जवानों की जान से हाथ धोना पड़ेगा।

गोविंद पंत राजू का मत है कि सेना हर वक्त सख्त कदम नहीं उठा सकती है जैसा कि वह आतंकियों से लोहा लेते वक्त अपनाती है। आज आतंक की जड़े जगह जगह इस प्रकार फैल गई है कि सेना को जिस प्रकार सूचना मिलती है वह उसी प्रकार एक्शन लेती है।

दिनेश सिंह का मत है कि घाटी में अमन और शांति  को स्थापित करने को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार का पूरा ध्यान है, जिसको लेकर पीएम बार बार कश्मीर दौरा कर रहे हैं। उन्होंने हर स्तर पर शांति कायम रखने के लिए भारत-पाक संबंध पर सकारात्मक  रुख अपनाया है।

अंशु अवस्थी का मत है कि घाटी में 100 दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा लेकिन सरकार ने इसे सही करने के लिए क्या किया? रही बात कश्मीर में शांति बहाल की तो हम पीएम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं लेकिन पीएम के अंदर इंदिरा गांधी जैसा निर्णय लेने की क्षमता नहीं है।

चन्द्रशेखर पांडे का मत है कि किसान हमारे भारत के लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था का एक बहुमूल्य हिस्सा है जो जनता और सरकार के बीच रीढ़ की हड्डी का काम करती है।

राकेश टिकैत का मत है कि पीएम और सीएम ने यूपी में किसानों से सरकार बनने के बाद कर्जमाफी का वादा किया था। हमें उम्मीद है कि सरकार कैबिनेट की बैठक के बाद कर्जमाफी को लेकर कुछ बड़ा एलान करेगी।

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