“भारत में शादी-विवाह को शानो-शौकत पेश करने का मुख्य जरिया माना जाता है। कहते हैं जितनी आलिशान शादी, उतनी ही ऊंची हैसियत”। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी शादी के बारे में बताने जा रहे है जिसमे नेता जी अपने बेटे की शादी बिना किसी दिखावे के एकदम सादगी से कराना चाहते हैं। हम बात कर रहे हैं बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी के बेटे उत्कर्ष मोदी की शादी की। बिहार की राजधानी में 3 दिसंबर को एक ऐसी शादी होने वाली है, जिसमें न तो बैंड बजेगा, न ही दूल्हा घोड़ी चढ़ेगा और न ही बारातियों का स्वागत किया जाएगा। अब सोचने वाली बात ये है कि बिना बैंड और बारात के कैसी शादी? क्या ये कोई मजाक है?
लेकिन बता दें ये एकदम सच है। सुशील मोदी के बेटे उत्कर्ष की शादी एकदम सादगी से भगवान को याद करते हुए कराई जाएगी। शादी में मेहमानों को खाने और नाश्ते की जगह पर भगवान का भोग लगाया हुआ ‘प्रसाद’ दिया जाएगा।
शादी को मिसाल बनाने और लोगो को फिजूलखर्ची न करने का संदेश देते हुए, इस अनोखी शादी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। विवाह के निमंत्रण पत्र (Wedding Cards) ई-मेल और वाट्सअप के जरिए भेजे जा रहे हैं।
निमंत्रण पत्र के जरिए किया दहेज का विरोध-
इस अनोखी शादी की तैयारियां राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दहेज विरोधी अभियान को ध्यान में रखते हुए की जा रही हैं । इसके साथ ही सुशील मोदी, पीएम मोदी की डिजिटल इंडिया मुहीम में साथ देते हुए नजर आ रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का मानना है- जब राज्य सरकार लगातार समाज में व्याप्त संक्रमित बीमारी दहेज प्रथा को जड़ से उखाड़ फेंकने का प्रयास कर रही है, तो ऐसे में इस मुहीम में उनका साथ देने का मेरा भी फर्ज बनता है। जिसकी शुरुआत मैंने अपने बेटे उत्कर्ष की शादी से की है। लोगों को भेजे जा रहे निमंत्रण पत्र में इस बात की पुष्टि कर दी गयी हैं कि इस विवाह में किसी प्रकार का दहेज नहीं लिया जा रहा हैं। मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को भी शादी का कार्ड सोशल मीडिया के जरिए ही भेजा गया है। इस शादी में पूरी तरह से डिजिटल इंडिया को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उत्कर्ष भी पूरी तरह से अपने पिता सुशील मोदी के फैसले से सहमत है। बता दें कि मोदी के बेटे उत्कर्ष पुणे से MBA कर चुके हैं और इस समय बंगलुरु की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे हैं। उत्कर्ष की होने वाली पत्नी कोलकाता में रहती हैं और वह एक चार्टर्ड अकाउंटेंट है।
सुशील मोदी ने बताया कि मेरी भी शादी एकदम सादगी से बिना किसी तामझाम और दिखावे के हुई थी। मैं उसी प्रथा को आगे बढ़ाते हुए अपने बेटे की शादी भी उसी सादगी और साधारण तरीके से करना चाहता हूं। इस विवाह के जरिए लोगों को सिर्फ ये संदेश मिलना चाहिए कि शादी दहेज और करोड़ो रुपया खर्च किए बिना भी कराई जा सकती हैं।