विवाहित स्त्रियां अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए और अविवाहित युवतियां मन मुताबिक वर पाने के लिए हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत करती हैं। सर्वप्रथम इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान शिव शंकर के लिए रखा था। इस दिन विशेष रूप से गौरी−शंकर का ही पूजन किया जाता है। भगवान शिव और पार्वती के पुर्नमिलाप के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले इस त्योहार को लेकर मान्यता है कि मां पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्म लिए थे।