सरकार फंसे हुए कर्जों से निपटने के लिए हाल ही में अध्यादेश लेकर आई जिसके जरिये बैंकिंग नियमन अधिनियम में दो नए प्रावधान जोड़कर भारतीय रिजर्व बैंक को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों यानि एनपीए या फंसे कर्ज के मामले में अधिक अधिकार दे दिए गए हैं। बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि एनपीए से निपटने के लिए यह अध्यादेश लाया गया है। इस अध्यादेश में कहा गया है कि, ‘केंद्र सरकार रिजर्व बैंक को बताएगी कि कर्ज में फंसी परिसंपत्तियों के समाधान की जरूरत के बारे में बैंकों को कैसे बताया जाए?’ असल में बड़ा सवाल यह है कि क्या इससे फंसे हुए कर्जों के निपटारे की गति और दिशा में कोई बदलाव आएगा?
उधर, अखिलेश सरकार में 16 नवंबर 2016 को लखनऊ में 600 करोड़ के बजट से बने इस आधे-अधूरे गोमती रिवर फ्रंट को जनता के लिए उपयोगी बनाने में अभी और कितना समय और पैसा लगेगा। आपको बता दें जांच का आदेश आने के बाद से गोमती रिवर फ्रंट का काम ठप पड़ा है, जिससे गोमती नदी में जलकुम्भी और गंदगी समाती जा रही है। यही वजह है कि सरकार अब इनपर ध्यान आकर्षित कर रही है।
एपीएन न्यूज के विशेष कार्यक्रम मुद्दा में आज दो पहलुओं पर चर्चा की गई जिसके पहले भाग में बैंकों पर बढ़ते NAP और दूसरे भाग में लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट के मुद्दे पर चर्चा हुई। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन), शहजाद पूनावाला (प्रवक्ता कांग्रेस), चन्द्र भूषण पांडे (प्रवक्ता बीजेपी), एस पी सिंह (पूर्व आईएएस), विक्रांत तोंगड़ (पर्यावरणविद) और रविदास मेहरोत्रा (नेता सपा) शामिल थे। शो का संचालन एंकर हिमांशु ने किया।
चन्द्र भूषण पांडे ने कहा कि आज बैंकों पर एनपीए बढ़ता चला जा रहा हैं। भारत सरकार, जनता की मेहनत की कमाई के साथ खिलवाड़ होने नहीं देगी। वृत्त मंत्रालय उन सभी भगौड़ों से एक-एक पैसा लेकर रहेगी जो इन पैसों को लौटाना जरूरी नहीं समझते। इसके संदर्भ में सरकार बेहद समझदारी, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम कर रही हैं। रही बात गोमती रिवर फ्रंट की तो यह प्रोजेक्ट धन की बर्बादी ही रही है।
शहजाद पूनावाला ने कहा कि कोर्ट द्वारा लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद लंदन भागे विजय माल्या के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई, यूके कोर्ट का बयान है कि सरकार ने माल्या के खिलाफ उनके समक्ष कोई तथ्य और सबूत पेश नहीं किए हैं। सरकार बताए उसने यूके कोर्ट में सभी सबूतों को पेश क्यों नहीं किया? क्या सरकार माल्या की मदद कर रही है।
गोविंद पंत राजू ने कहा कि सरकार किसी की भी हो आम आदमी को लोन लेने के लिए दस प्रकार के दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है लेकिन बड़े उद्योगपतियों के लिए कोई दस्तावेज नहीं लगते! क्यों? कांग्रेस प्रवक्ता बताए यूपीए सरकार के दौरान घाटे में चल रही किंग फिशर एयरलाइंस को लोन किसने दिया?
एस पी सिंह ने कहा कि एनपीए कोई राइट ऑन नहीं होता बल्कि वह डिफॉल्ट होने के पश्चात् नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स कहलाता है। उन्होंने गोमती रिवर फ्रंट पर बताया कि इस प्रोजेक्ट के दोषी अखिलेश यादव हैं क्योंकि इसकी सारी मीटिंग अखिलेश की अध्यक्षता में हुई थी।
रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि नदियां हमारे आस्था का प्रतिक है, हम और हमारे देश की जनता चाहती है कि नदियां पूर्णरुप से स्वच्छ और सुंदर हो। इसी क्रम में अखिलेश जी ने गोमती रिवर फ्रंट की स्थापना की थी और गोमती में गिरने वाले नालों के लिए अलग से मार्ग बनाया था। अगर इस प्रोजेक्ट में धांधली हुई है तो उसके दोषियों पर बेझिझक कार्रवाई हो।
विक्रांत तोंगड़ ने कहा कि नदियों को स्वच्छ और सौंदर्यीकरण करने के लिए सर्वप्रथम सरकार द्वारा पर्यावरण को संतुलित किया जाए, वहीं गोमती रिवर फ्रंट को इस प्रकार तैयार किया जाए कि लोग को वहां घूमने-फिरने, रहने में आराम हो, ना कि गोमती में गंदगी के चलते परेशानी उठानी पड़े।