बुधवार को दिल्ली के सरकारी अवास पर यूपी के सांसदों के साथ पीएम मोदी ने नाश्ते पर मुलाकात की तो वहीं लखनऊ के हजरतगंज थाने में सीएम योगी के अचानक निरीक्षण करने से आला अधिकारियों को हैरान कर दिया। जहां पीएम ने सभी सांसद को पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर से दूर रहने की सलाह दी है तो दूसरी तरफ सीएम गंदगी को लेकर प्रशासन को सचेत कर रहे है। पीएम और सीएम के बदलते रंग को देखकर सवाल यह उठ रहा है कि क्या इसमें 2019 के लोकसभा चुनाव का रंग भी छुपा है।
दूसरी तरफ अयोध्या विवाद से लेकर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दो मामले सामने आए हैं। दोनों की असल कहानी 1992 से शुरु होती हैं। गुरुवार को बाबरी मस्जिद की सुनवाई कर रही जजों की बेच ने सभी पक्षों से लिखित में जवाब मांगा है। यह मामला इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि इस केस में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती मुख्य आरोपी है। जिसपर SC को फैसला लेना है कि क्या इनपर आपराधिक साजिश रचने की मामला रखना है की नहीं।
इसी खास पेशकस को लेकर एपीएन के स्टूडियों में आज ”फुल एक्शन में हैं मोदी के योगी और क्या भावना आहत किये बिना सुलझा लेंगे अयोध्या मुद्दा?” के इस मुद्दे पर चर्चा की गई। जिसमें दिनेश सिंह (नेता, बीजेपी), गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक APN), चंद्र शेखर पाण्डेय (नेता, सपा), सरबत जहां फातिमा (प्रवक्ता, कांग्रेस), स्वामी चक्रपाणी (हिंदू धर्मगुरु), आर बी मिश्रा (पूर्व जज), रंजना अग्निहोत्री (अयोध्या मामले की अधिवक्ता) और मौलाना सैफ अब्बास (मुस्लिम धर्मगुरु) जैसे विशेषज्ञों ने अपने मत को रखा। शो का संचालन एंकर हि ने किया।
दिनेश सिंह ने कहा कि बीजेपी का एजेंडा सुशासन और विकास का है। हमे पार्टियों के पसंद नापसंद की चिंता नहीं हैं, हमारा कार्य उत्तर प्रदेश की जनता के पसन्द का ख्याल रखा है, जिन्होंने हमको जनादेश दिया हैं। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसा कि हम उन परीक्षार्थी में से नहीं है जो पेपर के समय तैयारी में जुट जाए, हम उन परीक्षार्थी में से है जो 395 दिन तैयारी में जुटे पड़े होते है।
चंद्र शेखर पाण्डेय ने कहा कि योगी सरकार ने सपा सरकार के 1090 का नामांकरण कर उसका नाम एंटी रोमियो टास्क फोर्स कर दिया है। सरकार केवल मॉरल पोलिसिंग और मीडिया अट्रैक्शन पाने के लिए कार्य कर रही है।
सरबत जहां फातिमा ने कहा कि यूपी में योगी के आने के बाद मोदी युग खत्म होकर योगी युग शुरु हो चुका है। क्योंकि योगी जी जमीन से जुड़े है और जमीनी स्तर पर रहकर वह बिना तामझाम के काम करने में समर्थ है। रही बात कोर्ट के फैसले की तो हमे मंदिर-मंस्जिद मुद्दे पर न्यायाधीशों के फैसले का स्वागत करना चाहिए।
स्वामी चक्रपाणी ने कहा कि दोनों पक्षों (ज्ञानदास महाराज और अंसारी) में कई बार बैठके और वार्तालाप हुई और काफी हद तक समाधान भी निकले पर समस्या राजनीतिक हस्तक्षेप बनी हुई है।
मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि धर्म के नाम पर दोनों पक्षों ने दुकाने खोल रखी है। जिसका पहला नाम बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी और दूसरा नाम राम जन्मभूमि है। और जब तक यब दोनों अपनी अपनी दुकाने चलाएगे तब तक यह विवाद नहीं सुलझेगा।
रंजना अग्निहोत्री ने कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर SC ने अपनी इच्छा को प्रकट किया है। अगर हम इसपर ध्यान देकर आपसे में विचार करे तो यह समला चंद मिनटो में सुलझ जाएगा।
आर बी मिश्रा ने कहा कि मैं इस घटना में शुरु से जुड़ा हुआ हूं और हर सरकार के कार्यकाल में मैं इसमें स्टैंडिंग काउंसिल रहा जिसकी सारी रिकार्ड आज भी मेरे पास है।
गोविंद पंत राजू ने कहा कि कहा कि सवाल इस जोड़ी के खरा उतरने का न होकर जनता के भविष्य का है। किसानों, नोटबंदी और गैस के मामले पर अब योगी पर सारी दावेदारी होगी कि वह इस भरोसे को किस प्रकार से आगे ले जाकर 2019 के चुनाव से जोड़ सकते है। और रही बात केस की तो हमे इसपर आपसी सहमती दिखानी चाहिए।