मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी के दो दिन बाद दिल्ली के पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा ने टैंकर घोटाले से जुड़े कागजात एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दिये हैं। साथ ही उन्होंने 2 करोड़ रुपये की रिश्वत की शिकायत सीबीआई से करने का एलान किया है। अब सवाल ये उठने लगा है कि इस ऐलान के बाद क्या आम आदमी पार्टी की मुसीबतों में और इजाफा होने वाला है। अंदरुनी कलह से जूझ रही आम आदमी पार्टी के भविष्य का क्या होगा? आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार को मिटाने और पारदर्शिता लाने के वादे कर सत्ता में आयी थी। अन्य पार्टियों से ईतर छवि वाले आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता के ऊपर उनके ही मंत्री द्वारा ऐसे आरोप लगाना इस आरोप को किस हद तक सच साबित करते है और किस हद तक ये साजिश है इसका खुलासा तो जांच के बाद ही हो पायेगा। लेकिन इस आरोप के बाद क्या आम आदमी पार्टी का राजनीतिक भविष्य खतरे में नजर आ रहा है?
सोमवार 8 मई को एपीएन न्यूज के खास कार्यक्रम मुद्दा में दो विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। इसके पहले हिस्से में आम आदमी पार्टी के नये संकट पर चर्चा हुई। इस अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन न्यूज), शरबत जहां फातिमा (प्रवक्ता कांग्रेस), तेजेन्द्र बग्गा (प्रवक्ता दिल्ली बीजेपी), व राजू परुलेकर ( ब्लागर) शामिल थे।
गोविंद पंत राजू ने कहा कि जो आरोप हैं उन आरोपों में दम है। उन आरोपों का आप सही तरह से जवाब नही दे सकें। आपको दोषी मानना लोगों के लिए बहुत आसान हो जायेगा। क्योंकि जिस राजनीतिक तौर पर आम आम आदमी पार्टी आयी है वो बीजेपी या कांग्रेस की तरह नही है। आम आदमी पार्टी का प्रादुर्भाव भ्रष्टाचार के खिलाफ राजनीति में सदाचरण को लेकर और जनता के सामने पारदर्शिता के साथ सामने रखने की राजनीति के लिए हुआ था। इसलिए आम आदमी पार्टी पर जब आरोप लगता है तो वो किसी और पार्टी पर आरोप लगने से कहीं ज्यादा गम्भीर है।
शरबत जहां फातिमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का जन्म ही इसी भ्रष्टाचार की बात को लेकर हुआ है। केजरीवाल ने लम्बे समय तक एक एजेंडा चलाया था शीला सरकार के खिलाफ। जिस तरह से अन्ना जी आये थे केजरीवाल जी आये थे और लग रहा था कि दूध की धुली हुई सरकार होगी। सबकुछ पारदर्शी होगा और आम आदमी की सरकार होगी तथा ये आम आदमी की तरह से रहेंगे। लेकिन जैसे ही ये सरकार में आये सारी चीजें धुलती चली गई। इनकी इच्छाएं इतनी बढ़ती चली गई कि इन्होने गोवा, पंजाब तक अपने आपको फैला दिया और इनको लगने लगा कि ये भविष्य के प्रधानमंत्री होगें।
तेजेंद्र बग्गा ने कहा कि 18 महीनों पहले की एक की एक चिट्टी मैं आपको दिखा रहा हूं। जिसमें कपिल मिश्रा साफ कह रहे हैं कि रिपोर्ट बन चुकी है। शीला दीक्षित के खिलाफ 400 करोड़ का घोटाला है। वो रिपोर्ट मैं एसीबी को सौपने जा रहा हूं। मैं कानूनी कार्यवाई करने जा रहा हूं। उस समय वो कानून मंत्री थे। उनको अगले दिन कानून मंत्रालय से हटा दिया जाता है। जब कपिल ने आरोप लगाये तब उन्होने कहां कि मैं सिसोदिया से मिला था जबकि सिसोदिया कह रहे हैं कि मैं उनसे नही मिला। कपिल ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज हैं उसको निकालिए। जब कपिल कह रहें है कि सीसीटीवी फुटेज निकालिए तो डर क्यों रहे हैं। जिस चीज की मांग आज से 5 साल पहले आप करते थे वही मांग आपके मंत्री कर रहे हैं तो आप डर क्यों रहे हैं।
राजू परुलेकर ने कहा कि केजरीवाल व इनके साथियों की वजह से पूरे देश में कोई नई पहल नही हो पा रही है। लोग सोचते हैं कि नई पहल करके राजनीतिक पार्टी खड़ी करके भ्रष्टाचार की तरफ जायेगा।
समाजवादी परिवार में बयानों का दौर जारी
इसके दूसरे हिस्से में अपर्णा यादव की अखिलेश यादव को दी हुई नसीहत पर चर्चा हुई। इस अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए भी विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू, शरबत जहां फातिमा, हरीश श्रीवास्तव (प्रवक्ता यूपी बीजेपी) व रविदास मल्होत्रा ( नेता सपा) शामिल थे।
समाजवादी परिवार में बयानों का दौर जारी है और अब तो समाजवादी परिवार के लोगों ने एक दूसरे के खिलाफ खुलकर बोलना भी शुरु कर दिया है। मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने कहा है कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव भैया को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ देना चाहिए। अपर्णा ने योगी सरकार की जमकर तारीफ करते हुए क्षेत्रिय दलों को हिटलर की तरह बताया। अपर्णा का ये बयान काफी अहम है और ये बयान अपने आप में कई गहरे राज समेटे हुए हैं और जब वो राज खुलेंगे तो शायद उत्तर प्रदेश की राजनीतिक दशा को एक नई दिशा प्रदान कर दें।
गोविंद पंत राजू ने कहा कि ये घमासान किसी विचारधारा के लिए नही है ये सिर्फ सत्ता और राजनैतिक वर्चस्व तथा पार्टी पर कब्जे के लिए चल रहा है। अखिलेश यादव की तुलना जब पत्रकारों ने औरंगजेब से की थी तो व्यक्तिगत तौर पर उन्हे बहुत गुस्सा आया था। जिस अखबार ने ये खबर छापी थी उसके एडिटर को बुलाकर धमकाया भी था। लेकिन उस दौर का जो राजनीतिक परिदृश्य था उसमें तुलना करें तो हमेशा हमने देखा है जब बड़ी सल्तनत खत्म होती है उसके बाद उसके जो बचे-खुचे अंश होते हैं उनके मध्य वर्चस्व की लड़ाई हमेशा चलती है।
रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि मुलायम सिंह यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं उनका सम्मान होना चाहिए। जब गठबंधन हुआ तो गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए। ये कैसा गठबंधन था कि 29 तारीख को राहुल गांधी मेरे पक्ष में वोट मांग रहे हैं और 30 तारीख की अर्द्ध रात्री में टिकट किसी और को दे रहें हैं।
हरीश श्रीवास्तव ने कहा कि बीजेपी लोकतांत्रिक पार्टी है सामूहिक नेतृत्व है और निर्णय सामूहिक परामर्श से लिए जाते हैं। जो बात आज अर्पणा यादव कह रही हैं वो बात तो पहले से ही स्पष्ट है और चाहे सपा रही हो या बीएसपी या आम आदमी पार्टी हो सभी दलों की राजनीति कही ना कही व्यक्ति केन्द्रित थी। जिसके कारण इन दलों में जो भी निर्णय लेगा वही व्यक्ति लेगा। आज जो स्थितियां पैदा हुई है वो भी इसी का परिणाम है।
शरबत जहां फातिमा ने कहा कि बीजेपी पहले से ही मजबूत है और एक मजबूत सरकार चला रही है और अच्छे विपक्ष के नाते अच्छे कामों की तारीफ होनी चाहिए और जहां पर कमी है वहां टिप्पणियां करनी चाहिए। ये अपर्णा यादव जी का राजनीतिक बयान नही है यह उनके परिवार के ईर्द-गिर्द है।