Delhi High Court में PM cares मामले में आज सुनवाई हुई। जिसमें केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि PM cares फंड में आने वाला पैसा भारत के संयुक्त खाते में नही आता है। इसलिए यह कोई सरकारी फंड नही है। मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 22 अक्टूबर तय की है।
सुनवाई की अगली तारीख पड़ने से पहले इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से उपस्थित प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि PM cares ट्रस्ट पूरी पारदर्शिता के साथ काम करता है। इसके फंड को समय-समय पर ऑडिट किया जाता है।
जब PM CARES को ही नहीं है पारदर्शिता की Care
प्रदीप श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि इस ट्रस्ट को अब तक जो भी दान मिला है वह विशुद्ध तौर पर ऑनलाइन, चेक या फिर डिमांड ड्राफ्ट के जरिए मिला है। कोष में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस ट्रस्ट को मिले धन और उसका सारा विवरण आधिकारिक वेबसाइट पर भी डाला जाता है।
COVID-19 के दौरान सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही
दरअसल सम्यक गंगवाल ने याचिका दाखिल कर पीएम केयर्स फंड को राज्य का घोषित किया जाय और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इसे RTI के अंदर लाया जाने की मांग की है। इसके अलावा पीएम केयर्स फंड को अपनी वेबसाइट के डोमेन में ‘gov’ का उपयोग करने से रोक लगाने की मांग की है।