कोरोना को देखते हुए Indian Hockey Team ने कॉमनवेल्थ गेम्स में टीम न भेजने का फैसला लिया है। हॉकी इंडिया अगले साल जुलाई-अगस्त में England के बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए टीम नही भेजेंगी। कोरोना को लेकर इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले जूनियर वर्ल्ड कप से नाम वापस ले लिया था। इंग्लैड के अलावा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने भी जूनियर वर्ल्ड में टीमें न भेजने का फैसला किया है। ऐसा माना जा रहा है हॉकी इंडिया का फैसला इसी का जवाब है।
हॉकी इंडिया ने अपने बयान में कहा है कि पूरे यूरोप में कोरोना महामारी की स्थिति सबसे खराब है। वहां अब भी बड़ी संख्या में पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। इस लिहाज से वहां टीमें भेजना सुरक्षित नहीं होगा।
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एशियन गेम्स हॉकी इंडिया की प्राथमिकता
हॉकी इंडिया ने कहा कि भारत के लिए एशियन गेम्स ज्यादा बड़ी प्राथमिकता है। एशियन गेम्स पेरिस ओलिंपिक के लिए क्वालिफाइंग टूर्नामेंट भी है। इसमें गोल्ड जीतने की स्थिति में टीम सीधे ओलिंपिक में जगह बना लेगी। कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स के बीच सिर्फ 32 दिनों का अंतर है। लिहाजा भारत कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलने की जगह एशियन गेम्स की तैयारी पर ध्यान लगाना चाहता है।
इंग्लैंड ने हाल ही में एक अजीबोगरीब फैसला करते हुए भारत में कोवीशील्ड वैक्सीन लेने वालों को वैक्सीनेटेड न मानने का फैसला लिया था। कोवीशील्ड लगाने वालों को भी इंग्लैंड जाने पर 10 दिन तक क्वारैंटाइन में रहना होगा और नई वैक्सीन भी लगानी होगी।
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