Parliament: संसद में 20 जुलाई से शुरू हुआ मॉनसून सत्र रोजाना सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। ये सत्र 11 अगस्त, 2023 तक चलेगा। अबतक इस बीच दोनों ही सदनों में मणिपुर मामले को लेकर खूब हंगामा देखने को मिला है। यही वजह है कि पिछले कुछ समय से संसद में कामकाज को लेकर कई सवाल उठते हैं। यहां होने वाली चीख-चिल्लाहट और कार्यवाही के स्थगन के चलते जो समय खराब होता है, उसे लेकर भी सवाल खड़े किए जाते हैं।
क्या आप जानते हैं, संसद में एक दिन सत्र को कराने में कितनी मोटी रकम खर्च होती है? हम लोगों द्वारा चुने गए इन नोताओं के किए हल्ले और शोरगुल का देश की अर्थव्यवस्था पर कितना असर पड़ता है? क्या टैक्सपेयर्स के पैसों का नुकसान हर घंटे केवल संसद में नेताओं के हो-हल्ले से हो रहा है? संसद की कार्यवाही पर कितना खर्च लगता है, मॉनसून सत्र के कामकाज, शेड्यूल और इससे जुड़े तमाम सवालों के जवाब जानिए यहां…

Parliament की कार्यवाही पर कितना खर्च?
- संसद की हर कार्यवाही पर हर एक मिनट में ढाई लाख (2.5) रुपये खर्च होते हैं।
- संसद की कार्यवाही पर एक घंटे में डेढ़ करोड़ रुपये (1.5) खर्च हो जाते हैं।
- संसद सत्र के 7 घंटों में एक घंटा लंच को हटाकर बचते है 6 घंटे।
- इन 6 घंटों में दोनों सदनों में होने वाला हल्ला, विरोध और शोरगुल में हर मिनट में ढाई लाख रुपये बर्बाद हो रहे हैं।
- संसद में हंगामा होने के कारण आम आदमी के चुकाए टैक्स के ढाई लाख रुपए हर मिनट बर्बाद हो जाते हैं।
कैसे खर्च होता है यह पैसा?
- सांसदों के वेतन के रूप में ये पैसे खर्च होते हैं।
- संसद सचिवालय पर आने वाला खर्च इसमें शामिल होता है।
- संसद सचिवालय के कर्मचारियों के वेतन का खर्च भी इसमें शामिल होता है।
- सत्र के दौरान सांसदों की सुविधाओं पर होने वाले खर्च को भी इसमें गिना जाता है।
कहां से आते है यह पैसे?
- सदन की कार्यवाही के लिए जो पैसे खर्च किए जाते हैं वो आपकी और हमारी कमाई का हिस्सा होता है।
- ये वहीं रकम होती है, जिसे हम और आप टैक्स के रूप में भरते हैं।

क्या है संसद के मानसून सत्र का शेड्यूल?
- संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई, 2023 से शुरू हुआ और यह 11 अगस्त तक चलेगा।
- इस दौरान संसद में हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण किसी भी मुद्दे पर ठीक से बहस नहीं हो पाई है।
- अब तक राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों की कार्यवाही हंगामेदार रही है।
- सुबह 11 बजे से संसद की कार्यवाही शुरू होती है, जो शाम 6 बजे तक चलती है।
- इस दौरान सांसदों को लंच ब्रेक भी मिलता है, जो दोपहर 1 से 2 के बीच होता है।
- शानिवार और रविवार को छोड़कर 5 दिन संसद की कार्यवाही जारी रहती है।
- अगर सत्र के दौरान कोई त्योहार पड़ जाए तो संसद का अवकाश माना जाता है।
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