दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में Google द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) पर एक गोपनीय जांच रिपोर्ट मीडिया को लीक करने के आरोप की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर गूगल देश में काम करना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि देश के कानून के बारे मे जाने। कोर्ट ने कहा कि अगर आपको भरोसा है कि जानकारी लीक हुई है तो CCI रजिस्ट्रार को पत्र लिखना चाहिए था। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई हाई कोर्ट में 27 सितबर को होगी ।
CCI ने आरोपों को खारिज किया
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के समक्ष CCI की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमण (Additional Solicitor General N. Venkataraman) ने गोपनीय जांच संबंधी सूचना के कथित तौर पर लीक होने की बात को पूरी तरह से गलत बताया। इस मामले में आयोग कि ओर से कोई चूक नही हुई है। हम गोपनीयता बनाए रखने के कानूनी दायित्व के साथ हमेशा खड़े है। CCI ने हाई कोर्ट को बताया कि यह उसके द्वारा एंड्रायड स्मार्टफोन के बीच हुए समझौतों से संबंधित कार्रवाई को विफल करने की कोशिश है। CCI ने यह भी कहा कि अगर गूगल को लगता है कि गोपनीय जानकारी लीक हुई है तो उसके बारे में कोई जानकारी भी नही दी गई है।वहं गूगल की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जो जानकारी लीक हुई है केवल महानिदेशक के पास थी।
गूगल ने CCI के खिलाफ याचिका दायर की थी
दरअसल पिछले हफ्ते आई रिपोर्टों में CCI ने पाया कि गूगल एंड्रायड के संबंध में गूगल अनुचित व्यापार में शामिल है। यह गोपनीय जानकारी मीडिया में लीक हो गई है। गूगल ने इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि गोपनीय जानकारी लीक होने से उसकी कंपनी को नुकसान होगा। इसलिए रिपोर्ट लीक होने के मामले का हल निकाले जाने की मांग की थी। साथ ही आगे जांच से जुड़ी कोई जानकारी लीक न हो इसकी भी मांग की थी।
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