कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) के पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को पंजाब की गद्दी कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने सौंप दी है। सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा था लेकिन कांग्रेस पार्टी ने Charanjit Singh Channi को पंजाब का मुख्यमंत्री बना दिया। सुखजिंदर सिंह रंधावा सीएम तो नहीं बन पाए पर उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद मिल गया है।
कैप्टन के इस्तीफे के बाद से ही सीएम की रेस में अंबिका सोनी, अजय माकन का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा था माना जा रहा था कि अंबिका सोनी को कांग्रेस पार्टी सीएम बना सकती है लेकिन अंबिका सोनी ने खुद इस पद को अस्वीकार करते हुए कहा था कि, किसी सिख चेहरे को ही पंजाब का सीएम बनना चाहिए। जिसके बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम पेश किया गया था। शाम होते होते रंधावा को साइड कर Charanjit Singh Channi के नाम की घोषणा कर दी गई। पंजाब में पहली बार कोई दलित मुख्यमंत्री बना है।
Sukhjinder Singh Randhawa के साथ ब्रह्म महिंद्रा को भी पंजाब का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। पंजाब की राजनीति में इस बार काफी कुछ नया हो रहा है। दो डिप्टी सीएम, दलित प्रधानमंत्री, पंजाब में कांग्रेस की डूबती नैया को बचाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा, सुखजिंदर का नाम सीएम पद के लिए आगे कर चन्नी को सीएम बनाना।
आखिर कौन हैं Sukhjinder Singh Randhawa ?
पंजाब की राजनीति में भूचाल लाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी माने जाते हैं सुखजिंदर रंधावा। राजनीति से इनका पुराना रिश्ता है। पिता भी कांग्रेस के कद्दावर नेता थे।
सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं और उनके पास दो उपमुख्यमंत्री हैं। तीन बार विधायक रहे 62 वर्षीय श्री रंधावा निवर्तमान जेल एवं सहकारिता मंत्री हैं और गुरदासपुर जिले से हैं। डेरा बाबा नानक सीट से दो बार (2012 और 2017) चुने गए, उन्होंने पार्टी की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया और उनके पिता संतोख सिंह दो बार के अध्यक्ष थे।
सुखजिंदर सिंह रंधावा का जन्म 25 अप्रैल 1959 को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक तहसील के धरोवाली गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम संतोख सिंह है, जिन्होंने दो बार पंजाब कांग्रेस के प्रमुख के रूप में कार्य किया और अपने समय के सबसे वरिष्ठ कांग्रेसियों में से एक थे। सुखजिंदर ने अपनी मैट्रिक की शिक्षा 1975 में चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल से पूरी की।
सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब विधानसभा के सदस्य हैं और डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र से एमएलए हैं। साथ ही वह भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं।
रंधावा ने पहली बार 2002 में फतेहगढ़ चुरियन से अकाली दल के निर्मल सिंह कहलों को हराकर पंजाब विधानसभा के लिए सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था। 2012 में, वह नए निर्वाचन क्षेत्र डेरा बाबा नानक से चुने गए। वह उन 42 कांग्रेस विधायकों में से एक थे, जिन्होंने सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) जल नहर को असंवैधानिक रूप से समाप्त करने के भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
यह भी पढ़ें:
Captain Amarinder Singh के इस्तीफे के बाद कांग्रेस पर हमलावर हुई BJP, ट्वीट कर लताड़ा