दिल्ली का जमी प्रदर्शनों से तपने लगी है। जहां एक तरफ जाट समुदाय आरक्षण की मांग तो दूसरी तरफ मंगलवार को रामजस कॉलेज के लैब के संगठनो ने मार्च निकाला था, जिसके जवाब में एबीवीपी आज यह मार्च निकाला है। एबीवीपी का कहना है कि “रामजस कॉलेज में भड़की हिंसा, बल्कि बाहरियों का असर है। जिसे लेकर कॉलेज प्रशासन को कॉलेज में प्रवेश करने वाले लोगों पर तत्काल पाबंदी लगा देनी चाहिए।” हालांकि एबीवीपी के खिलाफ अभियान से सुर्खियों में सामने आई गुरमेहर कौर ने इससे किनारा कर लिया है। वही दूसरी तरफ जाट समुदाय अपने आरक्षण के मांग को लेकर आज दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर जाटबंदी एवं शक्ति प्रदर्शन पर उतर आए है। जिसका असर अब आम लोगों को लिए परेशानियों का कारण बन रहा है।
एपीएन के स्टूडियो में इन्ही तमाम सवालों (सरकार की चुनौती बने प्रदर्शन का दौर और चुटकुलों पर हो रही यूपी के चुनाव) का जवाब तलाशने के लिए खाश शो मुद्दा में विभिन्न जगहों से आए बेहद अनुभवी विशेषज्ञों को चर्चा में शामिल किया गया। जिनमें के पी दहिया (जाट नेता), मोहसिन रजा (प्रवक्ता, यूपी बीजेपी), कृष्णकांत पांडे (प्रवक्ता, यूपी कांग्रेस), और गोविन्द पंत राजू (सलाहकार संपादक, एपीएन) शामिल थे। शो का संचालन एंकर हिमांशु ने किया।
जाट नेता यशवंत दहिया ने अपने मत को लेकर कहा कि सरकार चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी की जाटों ने हमेशा बलिदान दिया है। 32 दिनों से हरियाणा में धरना प्रदर्शन हो रहा है, लेकिन यह सरकार इतनी संवेदनशील है कि इन्होने इसकी अभीतक कोई सुध नहीं ली हैं। जबकि जाट आरक्षण को लेकर 2 बार कमेटी बनी लेकिन दोनों बार बीच का रास्ता निकालने के बजाय सरकार ने हमारी खिल्लियां उड़ाई है। जिसे लेकर हम जंतर मंतर पर इस शक्ति प्रदर्शन को जाहिर कर रहे है। यही नहीं अगर इसपर जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो हम संसद सत्र के दौरान दिल्ली की ओर कूचकर उनका घेराव करेंगे।
बीजेपी प्रवक्ता मोहसिन रजा ने कहा कि जाट आंदोलन को लेकर अगर कोई पार्टी सबसे पहले सामने आई है तो वह बीजेपी सरकार थी। सरकार ने पहले भी उनके आरक्षण को लागू किया था। जाट आरक्षण पर कार्यवाही चल रही है और संविधान के दायरे में हम बेहतर तरिके से निष्कर्ष निकालेंगे। वही दूसरी तरफ उन्होने चुनावी मुद्दे को लेकर बताया कि भाजपा केवल विकास के मुद्दों पर बात ही नहीं करती बल्कि अमल करती है। जिसका प्रमाण प्रधानमंत्री उज्जवला योजना है। और रही बात कांग्रेस की तो पीएम को छोड़िए खुद कांग्रेस के नेता कह रहे है कि राहुल अभी मेच्योर नहीं हुए है।
कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकांत पांडे ने कहा कि हिन्दुस्तान के नौ राज्यों में जाट समुदाय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। हरियाणा की जनता एवं हिन्दुस्तान को बीजेपी नेता राजकुमार सैनी द्वारा दिया गया बयान बेहद निंदनीय है। जिसके लिए बीजेपी सरकार को माफी मांगनी चाहिए। पीआईएल दाखिला कोर्ट में अब पेंडिग पड़ा है। सरकार चाहे तो इसकी पैरवी जल्द से जल्द करा सकती है। वही दूसरी तरफ उन्होने चुनावी मुद्दे पर पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि “यूपी में अगर चुनाव है तो अखिलेश, राहुल गांधी और मायावती पर तो बाते तो होगी ही। लेकिन पीएम का अशिक्षित होना इस बात को दर्शाता है कि वह पाइन एप्पल को बार बार नारियल कह रहे है।”
सलाहकार संपादक गोविन्द पंत राजू का मानना है कि इस मांग के पीछे समुदाय को ऊपर लाने का असान तरीका समझा जा रहा है। लेकिन भारतीय संविधान के संवैधानिक नियमों के चलते बांधा नहीं होता तो किसी भी राजनीतिक दलों को आरक्षण देने में कोई परेशानी नहीं होती। आरक्षण के अलावा सरकार चाहे तो किसी दूसरे माध्यम से समाजिक, आर्थिक व उच्च शिक्षा प्रदान कर इन्हे कई प्रकार से आगे बढ़ा सकती है। वही दूसरी तरफ उन्होने चुनावी मुद्दे पर कहा कि पूर्वांचल का गिनती यूपी के सबसे पिछड़े इलाकों में की जाती है। जिस आकड़े को आप किसी भी सरकारी दस्तावेजों में उठाकर देख सकते है।