गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) को महज 2 दिन शेष है। कोरोना काल (Coronavirus Pandemic) में दूसरी बार देश गणेश चतुर्थी को मनाने के लिए आगे बढ़ रहा है। इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) ने आदेश देते हुए कहा कि, सभी लोग अपने घरों में ही त्योहार को मनाएं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA India ) ने कहा कि, कोरोना के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए सभी लोग अपने घरों में ही त्योहार को मनाएं इससे कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है।
वहीं गणेश चतुर्थी त्योहार मनाने के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Delhi Disaster Management Authority) ने दिल्ली वासियों के लिए ताजा गाइडलाइन (Guidelines) जारी कर दी है। इसके अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus Infection) के खतरे और प्रभाव के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर गणेश चतुर्थी समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे में लोगों को गणेश चतुर्थी त्योहार घर पर ही मनाने की सलाह दी गई है। लोगों से कहा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इस बार भी लोग अपने घरों और मंदिरों के अंदर ही गणपति विसर्जन करें।
कोरोना के मद्देनजर इस बार भी राजधानी दिल्ली में गणेश चतुर्थी पर लालबाग के राजा का दरबार नहीं सजेगा। आम आदमी पार्टी सरकार के अनुरोध पर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में गणेश पूजा के लिए पंडाल लगाने वाली समितियों ने इस बार भी पंडाल नहीं लगाने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि कोरोना के कारण प्रभु गणेश की मूर्ति तैयार करने वाले मूर्तिकारों का कारोबार इस बार भी प्रभावित हो गया है। इस साल भी मूर्तियों की बिक्री न होने से मूर्तिकार चिंतित हैं। कारोबारियों का कहना है कि लगातार दूसरे साल मूर्तियों का धंधा चौपट हो गया है।
बता दें कि, 10 सितंबर से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) आरंभ हो रही है। गणेश चतुर्थी का नाम जब भी लिया जाता है तो महाराष्ट्र की तस्वीर सामने आती है क्योंकि इसकी शुरूआत महाराष्ट्र से हुई थी। पर अब देश के हर राज्य में इस त्योहार को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है।
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