Supreme Court Judges Appointment: राष्ट्रपति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता कल्पथी वेंकटरमण विश्वनाथन को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया है। दोनों जज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश के रूप में शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट के कोलिजियम ने प्रशांत कुमार और केवी विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की थी। दोनों नामों पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18 मई को मौहर लगाई। जिसके बाद इनकी नियुक्तियों की घोषणा नए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्विटर पर की।
Supreme Court Judges Appointment: सुप्रीम कोर्ट में नए जज के रूप प्रशांत कुमार और केवी विश्वनाथन कार्यभार संभालेंगे। बता दें कि इसी के साथ कल्पथी वेंकटरमण विश्वनाथन वर्ष 2030 अगस्त में भारत के 58वें पधान न्यायाधीश बनेंगे। उनका कार्यकाल सीजेआई के तौर पर नौ महीने से ज्यादा का होगा। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 34 है। न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एमआर शाह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद इसी हफ्ते सेवानिवृत्त हुए हैं।
केवी विश्वनाथन उन वकीलों की सूची में शामिल हो जाएंगे जो बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट की पीठ में पदोन्नत होकर सीधे सीजेआई बनेंगे। सुप्रीम कोर्ट की पीठ में बार से सीधे पदोन्नत होने वाले न्यायमूर्ति एसएम सीकरी ऐसे पहेल सीजेआई हैं। इन्हें बार से सीधे शीर्ष कोर्ट की पीठ में पदोन्नत किया गया था। इसके अलावा न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायधीश पीएस नरसिम्हा ऐसे जज हैं जो सीधे पदोन्नत होकर सीजेआई बने हैं।
Supreme Court Judges Appointment: कौन हैं केवी विश्वनाथन
Supreme Court Judges Appointment: केवी विश्वनाथन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में 25 मई 2031 तक सेवा करेंगे। वहीं कॉलेजियम ने कहा कि 11 अगस्त 2030 को न्यायमूर्ति जमशेद बुर्जोर पारदीवाला की सेवानिवृत्ति पर विश्वनाधन 25 मई 2031 को अपनी सेवानिवृत्ति तक भारत के मुख्य न्यायधीश का पद संभालने के लिए कतार में होंगे। विश्वनाथन का जन्म 26 मई 1966 में हुआ था। उन्होंने कोयम्बटूर लॉ कॉलेज, भरथियार विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की थी. जिसके बाद उन्होंने 1988 में बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु के एडमिशन लिया। उन्होंने शीर्ष कोर्ट में दो दशकों से ज्यादा का समय वकालत में दिया है। जिसके बाद वह 2009 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किए गए थे।
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