आज सावन का तीसरा सोमवार है इस मौके पर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर में हमेशा की तरह पूरे विधि विधान से भोले नाथ की पूजा अर्चना की की गई। कोरोना काल से भक्तों की सुरक्षा के लिए पुजारियों ने विशेष आरती की है। पुजारियों ने भक्तों की सुरक्षा के लिए दुआ भी मांगी है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर का मंदिर स्थित है। पूरे सावन यहां पर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। इस मौके पर महादेव को दूध से स्नान कराया गया उसके बाद भष्म आरती हुई।
सावन का माह चल रहा है यह माह भगवान शिव जी की समर्पित है। पूरे माह लोग शिव जो को प्रसन्न करने के लिए उनकी तरह तरह से पूजा करते हैं। सावन में सबसे सुदंर तस्वीर अगर कहीं से आती है तो वह मध्य प्रदेश का महाकालेश्वर मंदिर है। यहां पर महादेव को अच्छी तरह से सजाया जाता है। फिर आरती होती है।
शिव पुराण के अनुसार उज्जैन में बाबा महाकाल का मंदिर अतिप्राचीन है। मंदिर की स्थापना द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के पालनहार नंदजी की आठ पीढ़ी पूर्व हुई थी। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक इस मंदिर में बाबा महाकाल दक्षिणमुखी होकर विराजमान हैं।
मंदिर के शिखर के ठीक ऊपर से कर्क रेखा गुजरी है, इसलिए इसे पृथ्वी का नाभिस्थल भी माना जाता है। ईसवी पूर्व छठी शताब्दी से धर्म ग्रंथों में उज्जैन के महाकाल मंदिर का उल्लेख मिलता आ रहा है। उज्जैन के राजा प्रद्योत के काल से लेकर ईसवी पूर्व दूसरी शताब्दी तक महाकाल मंदिर के अवशेष प्राप्त होते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर के प्राप्त संदर्भों के अनुसार ईसवी पूर्व छठी सदी में उज्जैन के राजा चंद्रप्रद्योत ने महाकाल परिसर की व्यवस्था के लिए अपने पुत्र कुमार संभव को नियुक्त किया था।
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