Bihar Teacher Niyamawali 2023: बिहार में शिक्षकों की भर्ती के लिए नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद से सीटीईटी और बीटीईटी पास अभ्यर्थी नाराज हो गए हैं। अभ्यर्थी जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे शिक्षकों ने दावा किया कि नीतीश-तेजस्वी सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। उन्होंने दावा किया कि सीटीईटी और बीटीईटी परीक्षा पास करने के बाद वे पहले ही मेरिट लिस्ट में आ चुके हैं। अब, राज्य सरकार नए दिशानिर्देशों के तहत, बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से एक और परीक्षा आयोजित करेगी और सफल उम्मीदवार शिक्षक की नौकरी के लिए पात्र होंगे।
“हम चार साल से इंतजार कर रहे थे”
नौकरी के इच्छुक आंदोलनकारियों का कहना है कि हम पिछले 4 साल से इंतजार कर रहे थे और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा और राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत की। अगर इन परीक्षाओं का कोई मतलब नहीं है तो उन्होंने सालों तक ऐसी परीक्षा क्यों ली? हम मेरिट सूची में आ गए।” मान लीजिए, मैं बीपीएससी की परीक्षा पास नहीं करता तो मेरा भविष्य खत्म हो जाएगा।
आखिर क्या है शिक्षक भर्ती नियमावली?
बता दें कि बिहार में साल 2006 से ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के जरिए शिक्षकों की भर्ती होती आ रही थी। अब 17 साल बाद इसमें बड़ा बदलाव किया गया है। यह फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। बैठक में बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवाशर्त) नियमावली 2023 को मंजूरी दी गई। इसके तुरंत बाद शिक्षा विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी।
नियमावली के अनुसार, सीटीईटी और बीटीईटी यानी बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा में पास हुए कैंडिडेट ही आयोग द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में बैठ सकेंगे। साथ ही शिक्षक भर्ती के लिए सिर्फ बिहार के स्थायी निवासी ही आवेदन के पात्र होंगे। पूर्व नियोजित शिक्षकों को भी परीक्षा में बैठने का अधिकार होगा। अब इस बात से सीटीईटी पास अभयर्थी नाराज हैं और भर्ती नियमावली को काला कानून बता रहे हैं।
अब ऐसे होगी शिक्षकों की भर्ती
- रिपोर्ट्स के मुताबिक शिक्षक अभ्यर्थियों को बीएड/एमएड पास करना अनिवार्य है।
- आयोग की परीक्षा देने के लिए डिग्री के साथ STET या CTET में पास होना भी जरूरी है।
- वहीं कोई भी शिक्षक अभ्यर्थी इस नई नियमावली के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा तीन बार परीक्षा में दे सकेंगे
- 2012 से पहले नियुक्त शिक्षक जो दक्षता परीक्षा में पास होंगे, उनके लिए पात्रता परीक्षा जरूरी नहीं होगी
- इस परीक्षा में मेरिट लिस्ट के हिसाब से अभ्यर्थियों को फायदा मिलेगा
- मेरिट के आधार पर ही अभ्यर्थियों को चॉइस पोस्टिंग मिलेगी
- जब टीचर राज्य के कर्मचारी बन जाएंगे तो उन्हें भी तबादले और पोस्टिंग की सहूलियत मिलने लगेगी
- शिक्षकों के वेतन को राज्य सरकार ही तय करेगी
- बहाली के लिए ली जाने वाली परीक्षा का पैटर्न आयोग ही तय करेगा, इसमें शिक्षा विभाग अपनी सलाह देगा
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