भारत में काले धन को जड़ से खत्म करने के लिए मोदी सरकार लगातार एक के बाद एक कदम उठा रही है। 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का फैसला लेकर सबको चौंका दिया था और अब केंद्र सरकार ने बेनामी संपत्ति रखने वालों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आयकर विभाग ने बेनामी लेन-देन कानून के तहत अभी तक करीब 230 मामले दर्ज किए हैं साथ ही विभाग ने 55 करोड़ से ज्यादा रूपये की संपत्ति जब्त भी की है।
इस कानून के बाद आयकर विभाग ने करीबन 235 मामले दर्ज भी किए थे। आयकर विभाग ने 140 मामलों में कुर्की के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया जबकि 124 मामलों में विभाग ने 55 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त की है।
बेनामी संपत्ति लेन-देन कानून 1 नवंबर 2016 को लागू किया गया था। जिसका उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने के साथ-साथ 7 साल की जेल की सजा देने का प्रावधान निर्धारित किया गया है। नोटबंदी के बाद सरकार ने विज्ञापनों के जरिए भी लोगों को बताया कि जिस किसी के पास भी बेनामी संपत्ति है वह अपनी संपत्ति किसी और के खातों में जमा ना करवाएं अन्यथा बेनामी संपत्ति लेन-देन के कानून 1988 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा और यह कानून चल और अचल संपत्ति दोनों पर लागू होगा, क्योंकि नोटबंदी के बाद ऐसे कई मामले सामने आए थे जिसके तहत लोगों ने अपनी संपत्ति अपने जानने वालों के खातों में जमा करवा दी थी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने काले धन को खत्म करने के लिए कई कदम उठाए जिसमें नोटबंदी, आयकर विभाग द्वारा 18 लाख लोगों को नोटबंदी के बाद 5 लाख से ज्यादा रकम जमा करवाने पर खातों की जानकारी बताने का नोटिस और अपने बैंक खातों को आधार कार्ड के साथ जोड़ने जैसे अहम कदम शामिल हैं।