Crude Oil: कच्चे तेल का उत्पादन करने वाले देश सऊदी अरब और यूएई ने कल यानी रविवार को तेल के उत्पादन में कटौती करने का फैसला लिया था। इस फैसले के आने के बाद से ही इसकी असर बाजारों में देखने को मिल रहा है। कच्चे तेल उत्पादन में एक मिलियन से भी ज्यादा बैरल की कमी के कारण महंगाई बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। मई से लेकर साल के अंत तक 5 लाख बैरल तेल की कटौती की जाएगी।
कच्चा तेल उत्पाद देश सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने मध्यपूर्व के देशों के साथ तेल उत्पाद में कटौती करने का ऐलान किया है। उन्होंने इस कदम को बाजार स्थिरता के हिसाब से एहतियात उपाय कहा है।
जानकारी के अनुसार सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कुबैत द्वारा तेल उत्पादन में कुल 11.5 लाख बैरेल की कटौती करने की घोषणा की है। इस फैसले के आने के बाद तेल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है। बता दें कि सऊदी अरब और कई देशों के इस फैसले के बाद तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। आज कच्चे तेल में लगभग आठ फीसदी की उछाल दर्ज की गई है।
Crude Oil: तेल उत्पादन में कमी से बढ़ सकती है महंगाई
Crude Oil: साऊदी अरब का कहना है कि वह मई से वर्ष 2023 तक तेल के उत्पादन में रोजाना पांच लाख बैरल की कटौती करेगा। इस फैसले से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेल के दामों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। जाहिर सी बात है कि भारत पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। भारत में पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति दूसरे देश से आयात पर ही निर्भर है। तेल महंगा होने की वजह से देश महंगाई दर, इंपोर्ट बिल तता व्यापार घाटा भी बढ़ सकता है। इसके कारण देश में व्याज दरों में भी इजाफा देखने को मिल सकता है।
रविवार यानी 2 मार्च को सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि तेल उत्पाद में कटौती ओपेक तथा गैर ओपेक सदस्यों के साथ मिलकर की जाएगी। इस मामले में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है। पिछली साल अक्टूबर में कटौती के अतिरिक्त यह कटौती की जाएगी। बता दें कि पिछली साल भी सऊदी अरब ऐर अन्य ओपेक देशों ने तेल उत्पादन में कटौती की थी। जिसके बाद अमेरिका नाराज हो गया था। क्योंकि चुनाव के कारण महंगाई वहां प्रमुख मुद्दा थी।
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