भारतीय नौसेना में तीस साल तक सेवा देने के बाद सबसे पुराना जंगी जहाज ‘आईएनएस विराट’ 6 मार्च को रिटायर होने जा रहा है। ‘विराट’ 1987 से भारतीय नौसेना का हिस्सा है। भारतीय नौसेना में शामिल ‘विराट’ इससे पहले रॉयल ब्रिटिश आर्मी में भी अपनी सेवा दे चुका है। यह जहाज 58 साल का हो चुका है। अब इसमें जंग लग गई है और नौसना अब इसके प्रयोग को खतरनाक मान रही है। रिटायर होने के बाद सेना गौरवशाली इतिहास समेटे हुए इस बेड़े को ‘आईएनएस विक्रांत’ की तरह खोना नहीं चाहती है।
27800 टन वजन और तेरह मंजिला ईमारत जैसी ऊंचाई का विराट अब तक 5 लाख नॉटिकल मील (करीब 9 लाख 30 हजार किमी) का समुद्री सफर पूरा कर चुका है। रिटायर होने के बाद इसके भविष्य को लेकर नेवी चिंतित नजर आ रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह केंद्र और आँध्रप्रदेश सरकार के बीच अधर में फंसा हुआ है। अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक आँध्रप्रदेश सरकार इस जंगी जहाज को म्यूजियम के रूप में संजोना चाहती है लेकिन इसमें आने वाले करीब 1000 करोड़ रूपए खर्च करने में असमर्थता जता रही है। प्रदेश सरकार चाहती है कि केंद्र इस खर्च का आधा हिस्सा दे जबकि केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वह इसके लिए सलाह और तकनीकी मदद मुहैया करा सकता है, लेकिन मोटा पैसा खर्च नहीं कर सकता है। ऐसे में अगर 6 मार्च यानि इसके रिटायरमेंट तक अगर म्यूजियम को लेकर कोई फैसला नहीं होता है तो मज़बूरी में नेवी को इसे कबाड़ में बेचना होगा जो इसके इतिहास के साथ ही भारतीय नौसेना के इतिहास को मिटाने जैसा है। ‘आईएनएस विराट’ फिलहाल मुंबई में है।
गौरतलब है कि ‘आईएनएस विराट’ से पहले रिटायर हुए ‘आईएनएस विक्रांत’ को नौसेना कबाड़ में बेच चुकी है। ‘आईएनएस विक्रांत’ को बजाज ऑटो ने ख़रीदा था। बाद में कंपनी ने इसका प्रयोग मोटरसाइकिल निर्माण में किया था। ‘आईएनएस विराट’ के विदाई समारोह के मौके पर भारतीय नौसेना के चीफ एडमिरल सुनील लांबा और अन्य अधिकारियों के साथ करीब 20 ब्रिटिश नौसेना के अधिकारी भी शामिल होंगे।