Pawan Khera:कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के द्वारा पिछले दिनों पीएम मोदी और उनके पिता को लेकर टिप्पणी की गई थी। इसका बीजेपी ने विरोध किया था और इसे अमर्यादित बताया था। वहीं, पवन खेड़ा के खिलाफ असम और यूपी में कई जगहों पर एफआईआर भी दर्ज की गई थी। खेड़ा के द्वारा अनुरोध करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी एफआईआर को क्लब करते हुए लखनऊ के हजरतगंज थाने में ट्रांसफर कर दिया है। अब ये सभी मामले लखनऊ में ही चलेंगे। कोर्ट ने असम और वाराणसी की FIR को लखनऊ की FIR के साथ जोड़ने का आदेश दिया है।

Pawan Khera की बढ़ाई गई 10 अप्रैल तक अंतरिम जमानत
आपको बता दें कि पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी के आरोप में पवन खेड़ा के खिलाफ असम, यूपी में कई जगहों पर मामले दर्ज किए गए थे। इसी को लेकर पिछले दिनों छत्तीसगढ़ जाने के दौरान खेड़ा को पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार भी किया था। तब कांग्रेस ने तुंरत सुप्रीम कोर्ट का दरबाजा खटखटाई थी। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए खेड़ा को द्वारका कोर्ट से जमानत लेने का आदेश दिया था। द्वारका कोर्ट ने पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत को 10 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है। साथ ही नियमित जमानत की अर्जी लखनऊ में दाखिल करने को कहा है।
असम पुलिस के द्वारा मामले की जांच करने की हुई थी मांग
आज यानी सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान CJI की अध्यक्षता वाली बेंच में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें FIR को क्लब करने में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा यूपी के दोनों मामलों को असम में दर्ज FIR के साथ जोड़ दिया जाए और असम पुलिस को मामले की जांच करने दें। CJI ने कहा कि मामले में पहला मुकदमा लखनऊ में दर्ज हुआ है। तो परंपरा के मुताबिक सभी मामलों को उसके साथ जोड़ दिया जाए। फिलहाल कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद खेड़ा की अंतरिम जमानत को 10 अप्रैल तक बढ़ाते हुए उनके खिलाफ दर्जनों मामलों को एक साथ लखनऊ में जोड़ने का आदेश दिया है।
जानें क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, कांग्रेस नेता 20 फरवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर प्रेस वार्ता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था “जब अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतम दास मोदी को क्या समस्या है?” खेड़ा ने दामोदर दास मोदी की जगह गौतम दास मोदी बोला था। इसके बाद उन्होंने आसपास खड़े लोगों से पूछा था कि गौतम दास या दामोदार दास, फिर उन्होंने बोला था कि नाम भले ही दामोदर दास है। उनका काम गौतम दास का है। हालांकि, बाद में पवन खेड़ा ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि पीएम के नाम को लेकर उनको कन्फ्यूजन था। पवन खेड़ा के इस बयान के बाद बीजेपी ने उनका काफी विरोध किया और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।
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