तमिलनाडु में चल रही कुर्सी की खींचतान आज ख़त्म हो गई है। नए मुख्यमंत्री की चुनौती अब बहुमत साबित करने की है। जयललिता के निधन के बाद से जारी कुर्सी की लड़ाई और सस्पेंस के बीच ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के विधायक दल के नेता पलानीसामी ने राजभवन में तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। राज्यपाल ने पलानीसामी को शपथ लेने के 15 दिनों के भीतर बहुमत साबित करने के लिए कहा है। उनके साथ 31 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली है।
इससे पहले एआईएडीएमके महासचिव शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी करार दिया गया था। उन्हें चार वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है। उन्होंने बुधवार को बेंगलुरु की एक अदालत में समर्पण कर दिया था। जहां से उन्हें परप्पाना अग्रहारा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया था। जेल जाने से पहले ही शशिकला ने पलानीसामी को विधायक दल का नेता घोषित किया था शशिकला महासचिव बनने के बाद सीएम बनना चाहती थी लेकिन पनीरसेल्वम राह में रोड़ा बन बागी हो गए और सत्ता में आने से पहले ही सलाखों के पीछे जाना पड़ा।
राज्यपाल विद्यासागर राव ने शशिकला के आत्मसमर्पण करने के बाद अन्ना द्रमुक के विधायक दल के नेता पलानीसामी को मुख्यमंत्री पद के लिए आमंत्रित किया और उन्हें जल्द से जल्द मंत्रिमंडल का गठन करने को कहा। पलानीसामी ने आज 11:30 बजे राज्यपाल से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में राव ने पलानीसामी को नियुक्ति पत्र सौंपा, जिसमें उनसे अपने मंत्रिमंडल का गठन और 15 दिन के भीतर बहुमत साबित करने को कहा गया था।
अब तक वेट एंड वाच की स्थिति में रहे राज्यपाल से कल एआईएडीएमके से बागी हुए पनीरसेल्वम और शशिकला के भरोसेमंद पलानीसामी दोनों ने मुलाकात किया था। दोनों नेताओं ने अपने पक्ष में विधायकों का समर्थन होने की बात कही थी। राज्यपाल ने पलानीसामी को प्राथमिकता देते हुए उन्हें आमंत्रण दिया है लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती बहुमत साबित करने के साथ विधायकों को एकजुट रखने की होगी।