Supreme Court में सजायाफ्ता नेताओं पर चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाए जाने की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की गयी है। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत से याचिका लगाने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि हमारे देश के सदन में जितने नेता है उनसे कहीं ज्यादा आपराधिक मामले हमारे पास हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले पर संविधान पीठ में सुनवाई पूरी होने के बाद ही सुनवाई करेंगे। याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा की आजादी के 75 साल बाद भी अपहरण और फिरौती के आरोप वाले व्यक्ति चुने जा रहे है।
Supreme Court: 10 अप्रैल को होगी सुनवाई
जस्टिस जोसेफ ने टिप्पणी करते हुए कहा एक आम आदमी भ्रष्टाचार में फंसा हुआ है। जब आप किसी भी सरकारी दफ्तर में जाइए क्या आप उससे अछूते रह सकेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर हमें सही मायने में एक राष्ट्र बनना है तो हमें कोशिश कर अपने मूल्यों पर वापस लौटना होगा। वहीं जस्टिस बीवी नागरत्न ने भी कहा कि जवाबदेही सभी स्तरों पर होनी चाहिए। जस्टिस जोसेफ ने कहा यदि हमारे नैतिक मूल्य और सही जीवन है तो वही सही अर्थों में आपका राष्ट्र होगा।
उन्होंने कहा कि यह अहम मुद्दा है जिनकी तरफ से इस मामले में अपना जवाब दाखिल नहीं किया गया है उनको आखिरी मौका दिया जा रहा है वह अपना जवाब दाखिल करें। हम इस मामले पर 10 अप्रैल को सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए पहले ही गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कह चुका है।
वकील अश्वनी उपाध्याय ने दाखिल की याचिका
बता दें कि BJP नेता वकील अश्वनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उन लोगों पर चुनाव लड़ने से रोक लगाने की मांग की है जिन पर गंभीर अपराधों में चार्जशीट हो चुका है। उपाध्याय ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले और लॉ कमीशन की 244वीं रिपोर्ट का हवाला देते हुए चार्जशीटेड लोगों को चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है।
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