भू-माफिया मोहम्मद अशरफ की जमानत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ मंजूर कर ली है। अशरफ पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों की जमीनें कब्जा कर और बेचने का आरोप है। ऐसे ही एक मामले में दर्ज प्राथमिकी में हाईकोर्ट ने उसकी जमानत मंजूर की है।जमानत का आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने दिया है। कोर्ट ने अपराध की प्रकृति, अनुच्छेद 21 के संवैधानिक उपबंधों, सुप्रीम कोर्ट के दाताराम केस के फैसले और जेलों में कोविड 19 के प्रकोप को देखते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने याची को साक्ष्य से छेड़छाड़ न करने, ट्रायल में सहयोग करने, आपराधिक गतिविधियों में न लिप्त होने जैसी अन्य शर्तों का पालन करने का निर्देश दिया है और कहा है कि शर्त उल्लंघन की दशा में जमानत रद्द की जा सकती है।
याची पर आरोप है कि उसने जबरन जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया और फर्जी दस्तावेज तैयार कर शिकायत कर्ता की जमीन बेच दी। याची का कहना था कि 5 नवंबर 19 से जेल में बंद है।
जमीन विवाद मे उसके पक्ष में स्थगनादेश है ।इसके खिलाफ अपील खारिज कर दी गई है। उसने अपने खिलाफ 17 आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। सरकारी वकील ने तथ्यों को स्वीकार किया किन्तु जमानत अर्जी का विरोध किया।