Supreme Court: लखीमपुर मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने यूपी सरकार ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि मामले में 200 गवाह है। 27 सीएफएसएल की रिपोर्ट भी हैं।ऐसे में 5 साल लग जाएंगे।मालूम हो कि इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और आरोपी आशीष मिश्रा ऊर्फ मोनू की जमानत याचिका पर सुनवाई की जा रही है।
Supreme Court: पीड़ित पक्ष के लोगों ने लगाया धमकी का आरोप
पीड़ित पक्षों की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा कुछ गवाहों पर हमला हुआ है। वहीं कुछ को धमकी दी गई है।मामले की लगातार डे टू डे हियरिंग की जा सकती है। यह होम मिनिस्टर से जुड़ा मामला है उन्होंने सबक सिखाने की बात कही थी।यूपी सरकार ने गवाहों पर हमले कि बात का विरोध करते हुए कहा कि गवाहों पर कोई हमला नहीं हुआ।प्रशांत भूषण ने सरकार पर आरोपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा पहले मुख्य गवाहों और चश्मदीद गवाहों की गवाही कराई जाए, बाकी गवाहों की गवाही बाद में भी की जा सकती है।फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई 19 जनवरी को होगी।
Supreme Court: तेवर शांत होने का नाम नहीं ले रहे
मालूम हो कि पिछले वर्ष ही लखीमपुर हिंसा मामले में आरोपी का एक वीडियो जारी हुआ था। जिसमें आशीष मिश्रा के तेवर शांत होने का नाम नहीं ले रहे थे। एक नए वीडियो में आशीष मिश्रा रौब झाड़ता नजर आ रहा था।दरअसल जब आरोपी आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी की अदालत में पेश किया गया तो वह पेशी से पहले मीडिया के सामने अपनी मूंछों पर ताव देता नजर आया।
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